लद्दाख के जेन-जेड क्रांति से सबक सीखे भारत, अन्यथा.....!
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर जारी आंदोलन ने गत्वबुधवार को हिंसक रूप .....
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केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर जारी आंदोलन ने गत्वबुधवार को हिंसक रूप .....
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लद्दाख, अपनी शांत और सौम्य संस्कृति के लिए पहचाना जाता है, लेकिन वहां अशांति और असंतोष पनपाने की कोशिश की गयी। इस परिदृश्य के केंद्र में हैं सोनम वांगचुक। यह वही नाम है जो कभी शिक्षा सुधार और पर्यावरणीय नवाचार का प्रतीक था, पर आज शांति और व्यवस्था के लिए खतरे के रूप में देखा जा रहा है।
हम आपको बता दें कि सोनम वांगचुक की प्रारंभिक छवि प्रेरक रही है। SECMOL के माध्यम से उन्होंने शिक्षा को.....
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत दिनों गुजरात के भावनगर में कहा है कि भारत का सबसे बड़ा दुश्मन अन्य देशों पर निर.....
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आज का भारत विकास की एक नई परिभाषा गढ़ रहा है। पहले जब हम अंत्योदय की बात करते थे तो इसका अर्थ था कि हर गरीब को अन्न, वस्त्र और आश्रय मिल जाए। लेकिन अब समय बदल चुका है। आज अंत्योदय केवल पेट भरने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, आवास, डिजिटल सुविधा, कौशल विकास और आत्मसम्मान जैसे कई आयाम शामिल हो गए हैं। यही वजह है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का वह विचार आज और भी सजीव .....
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जब भारत के गांवों में किसी से विवाद बढ़ने पर और घात-प्रतिघात की परिस्थितियों के पैदा होने पर पारस्परिक हुक्का-पानी या उठक-बैठक, खान-पान बन्द करने के रिवाज सदियों से चलते आए हैं, तो फिर वैश्विक दुनियादारी में हमलोग इसे लागू क्यों नहीं कर सकते, ताकि हमारे मुकाबिल खड़े होने वाले देशों को ठोस नसीहत मिल सके। वहीं, अक्सर यह भी कहा जाता है कि जो ज्यादा तेज बनता है वह तीन जगहों पर बदबू फैलाता है। जबकि .....
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पाकिस्तान ने सऊदी अरब के साथ रक्षा करार कर लिया है इससे पाकिस्तान यह सोच रहा होगा कि अब किसी आतंकी वारदात के बाद भारत उसे घर में घुस कर मार नहीं पायेगा। यदि ऐसा है तो पाकिस्तान की यह सोच गलत है कि क्योंकि भारत कह चुका है कि हमले का बदला घर में घुस कर लिया जायेगा और यही अब न्यू नॉर्मल है। देखा जाये तो ऑपरेशन सिंदूर से पहले भारत को पता था कि पाकिस्तान को बचाने के लिए उसके दोस्त चीन और तुर्की आय.....
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भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश का नेतृत्व करना कोई साधारण कार्य नहीं। यह एक ऐसी जिम्मेदारी है, जिसमें दूरदृष्टि, समर्पण और जनता के प्रति अटूट विश्वास की आवश्यकता होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी ने इस दायित्व को न केवल स्वीकार किया, बल्कि इसे एक मिशन के रूप में अपनाकर देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। 17 सितंबर, 2025 को वह अपने जीवन के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। यह अवसर.....
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भारत की आधी आबादी, जिसे लंबे समय तक घर की चौखट और सामाजिक परंपराओं में सीमित माना जाता था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही है। बीते दशक में तस्वीर पूरी तरह बदली है—ऐसे कानून बने जिन्होंने महिलाओं को बराबरी और गरिमा का अधिकार दिया, और ऐसी योजनाएँ आईं जिन्होंने मातृत्व को सुरक्षित कर बेटियों के सपनों को पंख दिए। यही वजह है कि आज नारी शक्ति केवल वोट .....
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देश के विकास की असली तस्वीर इस बार मानसून में दिल्ली में देखने को मिली है। देश की राजधानी बारिश और यमुना के जलस्तर बढऩे से हाल-बेहाल हो गई। राजधानी की जिंदगी पर ब्रेक लग गया। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि बारिश से देश के अन्य राज्य कितने हाल-बेहाल होंगे। यह समस्या नई नहीं है। देश में हर साल मानसून के दौरान लगभग सभी राज्यों में यही हाल होता है। विकास का वादा और दावा करने वाली सरकारें और .....
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नेपाल में आज जिस तरह लोकतंत्र भरभराकर ढह गया उससे देश के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। देखा जाये तो नेपाल की घटनाएं केवल राजनीतिक संकट नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की राजनीति को झकझोर देने वाली चेतावनी हैं। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारी जनाक्रोश और हिंसा के बीच इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और कई वरिष्ठ नेताओं के घरों पर हमले हुए जिसके बाद उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया।.....
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