खुद को कानून से ऊपर मानने लगे थे सोनम वांगचुक, दिलचस्प है एक समाजसेवी की आंदोलनजीवी बनने तक की यात्रा
लद्दाख, अपनी शांत और सौम्य संस्कृति के लिए पहचाना जाता है, लेकिन वहां अशांति और असंतोष पनपाने की कोशिश की गयी। इस परिदृश्य के केंद्र में हैं सोनम वांगचुक। यह वही नाम है जो कभी शिक्षा सुधार और पर्यावरणीय नवाचार का प्रतीक था, पर आज शांति और व्यवस्था के लिए खतरे के रूप में देखा जा रहा है।
हम आपको बता दें कि सोनम वांगचुक की प्रारंभिक छवि प्रेरक रही है। SECMOL के माध्यम से उन्होंने शिक्षा को.....
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