
हिंदू और सिखों का वो अटूट रिश्ता, जिसे तोड़ने को बेकरार हैं देश विरोधी ताकतें
‘देह शिवा बर मोहे ईहे, शुभ कर्मन ते कभुं टरूं, डरौं अरि सौं जब जाय लड़ौं, निश्चय कर अपनी जीत करौं’ सिख इतिहास को आकार देने और सिख धर्म को परिभाषित करने का काम करने वाले गुरु गोबिंद सिंह की इन पंक्तियों का मतलब है कि हे महादेव, मुझे यह वरदान दो की मैं शुभ कर्मों से कभी भी टलूँ नहीं। जब युद्ध में जाऊँ तो शत्रु से डरूँ नहीं और संकल्प के साथ अपनी विजय प्राप्त करूं। स्पष्ट है कि उन्होंने कभी भी हि.....
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