KCR ने क्यों कहा कि राज्यों को CBI को दी गई सहमति वापस ले लेनी चाहिए जानें क्या है कानून

KCR ने क्यों कहा कि राज्यों को CBI को दी गई सहमति वापस ले लेनी चाहिए जानें क्या है कानून

नई दिल्ली. तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर पिछले एक साल से केंद्र की बीजेपी सरकार पर जबर्दस्त हमला कर रहे हैं. इस कड़ी में उन्होंने बुधवार को पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मुलाकात की और एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी मुक्त भारत का आह्वान किया. राव ने बीजेपी सरकार की नीतियों पर हमला करते हुए कहा कि मोदी सरकार अपने राजनीतिक प्रतिदंद्वियों को केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से परेशान करने में लगी है ऐसे में सभी राज्यों को उस आम सहमति को वापस ले लेनी चाहिए जिसमें राज्यों ने सीबीआई को जांच की सामान्य सहमति दी थी. केसीआर कहा कि केंद्र द्वारा देश में भाजपा के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए सीबीआई सहित सभी केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. यह अब बंद हो जाना चाहिए और सभी राज्य सरकारों को सीबीआई को दी गई अपनी सहमति वापस लेनी चाहिए क्योंकि पुलिस राज्य का विषय है.


के चंद्रशेखर राव यह टिप्पणी उस समय कर रहे थे जब बिहार के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव उनके साथ थे. तेजस्वी यादव के कई ठिकानों पर हाल ही में सीबीआई के छापे पड़े हैं और चर्चा है कि उनपर सीबीआई की गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. ऐसे में सीबीआई पर केसीआर के बयान के राजनीतिक मतलब निकाले जा रहे हैं. दरअसल सीबीआई के गठन को लेकर दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपीई) अधिनियम 1946 कानून है. इस कानून की धारा 6 के तहत सीबीआई को किसी मामले की जांच करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से सहमति की आवश्यकता होती है. जब यह कानून बना था तब सभी राज्यों ने सीबीआई को सामान्य सहमति दी थी. यदि सामान्य सहमति वापस ले ली जाती है तो सीबीआई को मामला दर्ज करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी.


इसी धारा के तहत पश्चिम बंगाल सरकार ने सीबीआई को दी गई सहमति वापस ले ली थी जिसके कारण काफी हंगामा मचा था. अब तक करीब 9 राज्यों ने सीबीआई को दी यह सहमति वापस ले ली है. इन राज्यों की सरकारों को कहना है कि पुलिस राज्यों का मामला है और राज्यों में जांच के लिए सीबीआई को राज्य सरकार से अनुमति लेनी जरूरी है. केसीआर ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जितने भी विपक्षी दल है सभी को एकजुट होकर बीजेपी मुक्त भारत के लिए काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत में आजादी के 75 साल बाद भी इतनी सारी समस्याएं हैं.


उन्होंने कहा कि पिछले 75 साल से हम रूटीन की तरह सोच रहे हैं. अब हमें आउट ऑफ बॉक्स होकर सोचना चाहिए. ऐसा अगर हो जाए तो हम विश्व में सर्वश्रेष्ठ हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि चीन की जीडीपी 1980 तक हमसे कम थी. लेकिन आज उसकी इकोनोमी 16 ट्रिलियन डॉलर की है जबकि हम 3 ट्रिलियन इकोनोमी के लिए जूझ रहे हैं. हमें यह सोचना चाहिए हम ऐसे क्यों हो गए. उन्होंने कहा कि बीजेपी मुक्त भारत ही इसका समाधान है.

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