पटना. देश के 19 महानगरों में सबसे अधिक वाहन चोरी के मामले दिल्ली में दर्ज हुए हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इसके बाद दूसरा स्थान पटना का है. यह आंकड़ा एनसीआरबी 2021 की रिपोर्ट से सामने आया है. आंकड़ों में दिल्ली में वाहन चोरी के मामलों में 1214.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पटना में ऐसे मामले 198 प्रतिशत तक बढ़े हैं. पटना में एक साल में 4063 वाहनों की चोरी हुई यानी बिहार की राजधानी में हर दिन 11 से अधिक वाहन चोरी की शिकायत थानों तक पहुंची. साथ ही चोरी छिनतई और गृहभेदन के कुल 6940 केस दर्ज किए गए. चोरी के मामले में भी पटना राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बाद दूसरे स्थान पर है.
NCRB द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पटना में वर्ष 2021 में चोरी के 5350 मामले दर्ज किए गए थे जबकि सामान्य चोरी के 1287 मामले सामने आए थे. कुल मिलाकर चोरी की घटनाओं में 62.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. इस अवधि में गृहभेदन के 303 केस दर्ज हुए और इसमें 14.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई. वाहन चोरी के 4063 मामले दर्ज हुए. पटना में वाहन चोरी के मामलों में 198 प्रतिशत बढ़ोतरीरी दर्ज की गई है. वाहन चोरी और चोरी के मामले में दिल्ली पहले नंबर पर है. रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में सबसे अधिक 199327 चोरी की घटनाएं हुईं. इसी तरह सबसे अधिक 38013 वाहनों की चोरी भी की गई. सामान्य चोरी की घटनाएं 16 हजार से भी अधिक हुईं.
30 प्रतिशत वाहनों की भी बरामदगी नहीं
गृहभेदन की सबसे अधिक वारदात रात में हुईं. पटना में एक साल में 303 गृहभेदन के मामले सामने आए. हालांकि इसमें जो प्रमुख बात देखने को मिली वह यह कि इस तरह की एक भी घटना दिन में नहीं हुई. सभी रात में हुए. रात में गृहभेदन के मामलों में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. पटना के शहरी इलाके में सबसे अधिक वाहनों की चोरी से जुड़े मामले दर्ज हुए हैं. केस दर्ज करने के बाद पुलिस घटनास्थल पर जाती तो है लेकिन फुटेज मिलने के बाद भी वाहन चोरों की गिरफ्तारी और वाहन बरामदगी के मामले में शिथिलता बरती जाती है. चोरी किए गए वाहनों में से 30 प्रतिशत की भी बरामदगी पटना पुलिस नहीं कर पाती है.
