अंकिता हत्या मामले में बड़ा खुलासा

अंकिता हत्या मामले में बड़ा खुलासा

देश में अंकिता की हत्या को लेकर काफी ज्याजा चर्चा हो रही हैं। झारखंड के दुमका में एक लड़की की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। अधिकतर लोग ऐसे अपराधों की निंदा कर रहे हैं। एक मासूम बच्ची अंकिता को शाहरूख नाम के एक शख्स ने घर में घूसकर जला डाला। बच्ची की अस्पताल में मौत हो गयी। इस मामले में कहा जा रहा था कि बच्ची की उम्र 19 साल थी लेकिन राज्य में बाल कल्याण समिति ने अब कहा है कि पीड़िता 15 साल की थी न कि 19 साल की। पैनल ने प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन अगेंस्ट सेक्शुअल ऑफेंस (पॉक्सो) के आरोपों को भी मामले में जोड़ने को कहा है।


दुमका जनसंपर्क कार्यालय ने एक बयान में कहा झारखंड बाल कल्याण समिति ने एसपी को मामले में पॉक्सो अधिनियम के तहत धाराएं जोड़ने की सिफारिश की है। समिति ने पाया कि मृतक 15 साल की थी न कि 19 जैसा कि पुलिस ने अपने दर्ज बयान में उल्लेख किया है।


गौरतलब है कि 23 अगस्त को झारखंड के दुमका में एकतरफा प्रेम के मामले में शाहरुख नामक युवक ने एक युवती के कमरे में खिड़की से कथित तौर पर पेट्रोल उड़ेलकर आग लगा दी। इस घटना के समय युवती अपने कमरे में सो रही थी और वह बुरी तरह झुलस गई। युवती को बेहतर इलाज के लिए रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स)में भर्ती कराया गया जहां रविवार को तड़के उसकी मौत हो गई। राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस घटना के सिलसिले में पुलिस से सात दिनों के भीतर कार्रवाई के बारे में रिपोर्ट मांगी है।


झारखंड के दुमका जिले में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने कहा है कि 10वीं की बोर्ड परीक्षा के अंकपत्र के अनुसार छात्रा की उम्र करीब 16 साल थी न कि वह बालिग थी जैसा कि पुलिस का दावा है। इसमें आरोपी के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की गई है। झारखंड उच्च न्यायालय ने भी मंगलवार को इस घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक को रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया। राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर घटना को लेकर सांप्रदायिक राजनीति के प्रयास का आरोप लगाया और कहा कि राज्य सरकार भी दोषियों के लिए कड़ी सजा चाहती है।

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