गर्भवती महिला प्रोफेसर ने JNU प्रशासन पर लगाया प्रताड़ना का आरोप

गर्भवती महिला प्रोफेसर ने JNU प्रशासन पर लगाया प्रताड़ना का आरोप

नयी दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की एक सहायक प्रोफेसर ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय प्रशासन पर उनका अपमान करने, परेशान करने और धमकी देने का आरोप लगाया। सहायक प्रोफेसर गायत्री दीक्षित आठ महीने की गर्भवती हैं। सेंटर फॉर अफ्रीकन स्टडीज में सहायक प्रोफेसर दीक्षित ने संवाददाता सम्मेलन में कहा मुझे लगातार शारीरिक मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित और दंडित किया जा रहा है। प्रशासन के अत्याचारों के कारण मैं अपने विश्वविद्यालय परिसर में स्थित आवास पर बेहोश हो गयी थी और 26 जुलाई को मुझे एम्बुलेंस में अस्पताल ले जाया गया।


दीक्षित ने आरोप लगाया कि छुट्टी लेने के बाद उन्हें और उनके पति को धमकी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर उनके होने वाले बच्चे को कोई नुकसान होता है तो इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा। इस संबंध में प्रतिक्रिया लेने के लिए पीटीआई के फोन कॉल का जेएनयू प्रशासन से कोई जवाब नहीं मिला है। जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीएफ) ने एक बयान में कहा कि प्रशासन को शिक्षकों की गरिमा को ठेस पहुंचाने के प्रयास से बचना चाहिए। बयान में कहा गया है कि उसने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से सहायक प्रोफेसर को न्याय दिलाने का भी आग्रह किया। जेएनयूटीएफ ने एक बयान में कहा इन कृत्यों से न केवल पीड़िता को सदमा पहुंचा बल्कि अजन्मे बच्चे की जान भी खतरे में पड़ गई। पीड़िता ने यह भी खुलासा किया है कि उसन थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जेएनयूटीएफ ने कहा हम महिला संकाय सदस्य और उनके परिवार के लिए सुरक्षा की मांग करते हैं।

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