कोच्चि। नौसेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि विमानवाहक पोत विक्रांत को नौसेना में शामिल करना और उसको नए रूप में पेश करना देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों तथा 1971 के युद्ध के वीर सैनिकों को विनम्र श्रद्धांजलि है। आईएनएस विक्रांत को दो सितंबर को कोच्चि में एक कार्यक्रम में नौसेना में शामिल किया जाएगा और इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे। नौसेना ने एक बयान में कहा कि सेवा में शामिल करने के बाद डेक एकीकरण परीक्षण आदि किए जाएंगे।
नौसेना ने कहा इसलिए विक्रांत को नौसेना में शामिल करना और उसको नए रूप में पेश करना हमारी रक्षा तैयारियों को मजबूत करने की दिशा में न केवल एक अगला कदम है बल्कि देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों तथा 1971 के युद्ध के वीर सैनिकों को विनम्र श्रद्धांजलि भी है। भारतीय नौसेना के इन-हाउस संगठन वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (डब्ल्यूडीबी) द्वारा डिजाइन किया गया और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) की ओर से निर्मित इस स्वदेशी विमानवाहक पोत का नाम 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले देश के पहले विमानवाहक पोत के नाम पर रखा गया है।
यह पोत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है और इसकी अधिकतम गति 28 नॉट्स है तथा यह 7500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है। विक्रांत में लगभग 2200 कंपार्टमेंट हैं जिन्हें चालक दल के 1600 सदस्यों के लिए तैयार किया गया है। इनमें महिला अधिकारियों और नाविकों के लिए बनाए गए विशेष केबिन शामिल हैं। पोत में चिकित्सा से जुड़ी सभी आधुनिक सुविधाएं मसलन ऑपरेशन थिएटर फिजियोथेरेपी क्लिनीक आईसीयू जांच की सुविधाएं सीटी स्कैनर एक्स रे मशीन आदि जैसी सुविधाएं मौजूद हैं।
बयान के अनुसार पोत में लड़ाकू विमान मिग-29के कामोव-31 एमएच-60आर बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर के साथ ही स्वदेश निर्मित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) और हल्के लड़ाकू विमान (एलएसी) सहित 30 विमानों के रखने की क्षमता है।
