कोटा। राजस्थान में लगातार बारिश के कारण नदियों में जलस्तर बढ़ने से बारां और बूंदी जिलों में दो लोग बह गए और दो अन्य लापता बताए जा रहे हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान के तीन जिलों झालावाड़ धौलपुर और बारां में मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं और बचाव कार्यों के लिए सेना को बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि बारां और झालावाड़ जिले में बचाव अभियान चलाने के लिए भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर को बुलाया जा रहा है। संभाग में विभिन्न जगह जलभराव के बाद लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
संभाग के चार जिलों - कोटा बारां झालावाड़ और बूंदी में स्कूल बंद हैं। आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग के सचिव आशुतोष पेडनेकर ने बताया कि धौलपुर और झालावाड़ जिले में राहत एवं बचाव कार्य के लिए सेना की टुकड़ियां तैनात की गई हैं। अधिकारी ने बताया कि चंबल परवन पार्वती कालीसिंध जैसी नदियों में बाढ़ आ गई है और बांधों से अतिरिक्त पानी उनके गेट खोलकर छोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बारां और झालावाड़ में फंसे कुछ लोगों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर मुहैया कराया जा रहा है।
पुलिस उपाधीक्षक (अंता सर्कल) तरुण कांत सोमानी ने कहा बारां जिले के गांव डाबरी काकाजी का निवासी प्रेमनारायण सुमन (35) जो सोमवार की शाम बाढ़ में बह गया था मंगलवार को उसके गांव के पास सेउसका बरामद किया गया। सर्किल निरीक्षक (नैनवान) बाबूलाल मीणा के मुताबिक बूंदी जिले में सुवासदा गांव निवासी सत्यनारायण प्रजापत (50) मंगलवार को मवेशियों के लिए चारा लेने जाते समय सुबह पानी में बह गया और उसकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि सुमन और प्रजापत के शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए गए हैं। सोमवार शाम को कोटा जिले में नयापुरा श्मशान घाट के पास चंबल नदी में गिर गए कुलदीप चौहान का पता लगाने के लिए तलाश अभियान जारी था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कोटा शहर के कर्बला इलाके में सोमवार शाम सेल्फी लेने के दौरान चंबल में गिरा एक अन्य युवक धारा के साथ तैरकर नयापुरा इलाके में एक ओवर ब्रिज के दूसरी तरफ से निकल आया। बारां के जिला कलेक्टर नरेंद्र गुप्ता ने कहा कि दो स्थानों से करीब 15 लोगों को हेलीकॉप्टर से निकाला जाना है और कुछ समय बाद हेलीकॉप्टर आने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) व राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमों ने तीन स्थानों से 81 लोगों को बचाया है। झालावाड़ में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा बचाव कार्य में सेना भी लगी हुई है। झालावाड़ की जिला कलेक्टर भारती दीक्षित ने कहा कि 53 लोगों को नावों के जरिए बचाया गया है और 49 लोग फंसे हुए हैं। एक जगह से लोगों को हेलीकॉप्टर से निकाला जाना है। इस बीच मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 24 घंटों के दौरान राज्य में सबसे अधिक बारिश झालावाड़ के डग में 29 सेंटीमीटर दर्ज की गई।
इसके अलावा अरनोद (प्रतापगढ़) में 26 सेमी पिडावा (झालावाड़) में 23 सेमी बकानी (झालावाड़) में 23 सेमी पचपहाड़ व गंगधर (झालावाड़) में 17-17 सेमी बारिश हुई। इस दौरान पूर्वी राजस्थान के कई अन्य इलाकों में 13 सेंटीमीटर तक बारिश हुई। मौसम विभाग ने मंगलवार को बांसवाड़ा तथा डूंगरपुर जिलों में भारी से अति भारी बारिश और भीलवाड़ा व चित्तौड़गढ़ जिले में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
