नयी दिल्ली। भारत सरकार ने सोमवार को कोलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (सीडीआरआई) के साथ मुख्यालय समझौते पर हस्ताक्षर किए जो जलवायु और आपदा जोखिमों के लिए नई और मौजूदा बुनियादी ढांचा प्रणालियों के लचीलेपन को बढ़ावा देने वाली वैश्विक पहल है। समझौते पर विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नूर रहमान शेख और सीडीआरआई के महानिदेशक अमित प्रथी ने हस्ताक्षर किये और इससे संस्थान संयुक्त राष्ट्र (विशेषाधिकार और छूट) अधिनियम 1947 के तहत सभी अधिकारों विशेषाधिकारों और छूटों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने में सक्षम बनेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर जानकारी दी कि सीडीआरआई और भारत सरकार के बीच आज मुख्यालय समझौते पर सीडीआरआई के महानिदेशक और विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने हस्ताक्षर किये। इस दौरान प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य सचिव और विदेश मंत्रालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा सीडीआरआई के लिए यह ऐतिहासिक क्षण है कि उसे स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्थान के रूप में मान्यता दी जा रही है।
