भ्रष्टाचार के मामलों में जांच रोकने के प्रयास के तहत मोदी से मिलीं ममता: माकपा

भ्रष्टाचार के मामलों में जांच रोकने के प्रयास के तहत मोदी से मिलीं ममता: माकपा

कोलकाता। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट करने को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह शिक्षक भर्ती घोटाले समेत विभिन्न भ्रष्टाचार मामलों की केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच को रूकवाने के लिए भाजपा को मनाने की उनकी कोशिश थी। तृणमूल ने पलटवार करते हुए इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित करार दिया।


बनर्जी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की तथा जीएसटी बकाये विभिन्न योजनाओं के तहत समय से धनराशि के जारी करने समेत पश्चिम बंगाल से जुड़े विभिन्न मुद्दे उनके सामने उठाये। प्रधानमंत्री कार्यालय ने दोनों के बीच बैठक की यह तस्वीर जारी की जो करीब एक घंटे तक चली। माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि यदि यह बैठक राज्य का बकाया प्राप्त करने के लिए हुई होती तो राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी भी संबंधित दस्तावेजों के साथ इसमें उपस्थित होते।


चक्रवर्ती ने दावा किया कि यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि बैठक राज्य के हित में थी। उन्होंने कहा अब यह स्पष्ट है कि दोनों दलों के बीच गुप्त समझौता है। हम सभी जानना चाहते हैं कि ऐसा क्या बात थी जिसकी वजह से ममता बनर्जी प्रधानमंत्री से मिलने के लिए दिल्ली गयीं जब उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। 


इस बीच कांग्रेस ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस भाजपा के एजेंट के रूप में विपक्षी एकता को नष्ट करने के मिशन पर है। कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा तृणमूल कांग्रेस पिछले कुछ महीनों से जिस तरह से काम कर रही है उससे स्पष्ट है कि वह भगवा खेमे के एजेंट की तरह काम कर रही है। विभिन्न भ्रष्टाचार मामलों में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच से अपने सदस्यों को बचाने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के साथ समझौता किया है।

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