नयी दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सांसद सुप्रिया सुले ने शनिवार को राष्ट्रपति से महाराष्ट्र के राज्यपाल को हटाने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी के साथ समान व्यवहार करना राज्यपाल की जिम्मेदारी है। दरअसल राज्यपाल ने एक बयान दिया। जिसके बाद विपक्षी पार्टियों के बयान सामने लगे। भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था कि अगर मुंबई से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाए तो शहर के पास न तो पैसे रहेंगे और न ही वित्तीय राजधानी का तमगा।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि सभी के साथ समान व्यवहार करना राज्यपाल की जिम्मेदारी है। राज्यपाल (भगत सिंह कोश्यारी) लोगों के बीच कटुता और विभाजन पैदा कर रहे हैं। उन्होंने लोगों को चोट पहुंचाई है और वो एक नियमित अपराधी हैं। मैं राष्ट्रपति से राज्यपाल को हटाने का अनुरोध करती हूं। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस या फिर एकनाथ शिंदे हर 10 दिन में दिल्ली जाते हैं। ऐसे में अगली बार उनमें से कोई एक दिल्ली आए तो उन्हें राज्यपाल को उनके मूल राज्य वापस भेजने के लिए कहना चाहिए।
राज्यपाल ने क्या कहा था ?
मुंबई के पश्चिमी उपनगर अंधेरी में एक चौक के नामकरण समारोह को संबोधित करते हुए भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था कि मैं यहां के लोगों को बताना चाहता हूं कि अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को महाराष्ट्र खासतौर पर मुंबई व ठाणे से हटा दिया जाए तो आपके पास पैसे नहीं रहेंगे और न ही मुंबई वित्तीय राजधानी बनी रह पाएगी। राज्यपाल के इस बयान पर कई राजनीतिक पार्टियों ने आपत्ति दर्ज कराई।
इस मामले में राज्यपाल की सफाई भी सामने आई। जिसमें उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा महाराष्ट्र के विकास और प्रगति में कठोर परिश्रम करने वाले मराठी भाषी समुदाय के योगदान का अपमान करने की नहीं थी।
