द्रौपदी मुर्मू ने रचा इतिहास, भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनीं, मिले 64 फ़ीसदी वोट

द्रौपदी मुर्मू ने रचा इतिहास, भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनीं, मिले 64 फ़ीसदी वोट

एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव अपने नाम कर लिया है। इसके साथ ही द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनेंगी। द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के साक्षा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हराया है। द्रौपदी मुर्मू ने भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति निर्वाचित होकर इतिहास रच दिया। वह भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी। द्रौपदी मुर्मू को करीब 64 फ़ीसदी वोट हासिल हुआ है। राज्यसभा के महासचिव और राष्ट्रपति चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर पीसी मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ संपन्न हुआ। चुनाव में 4754 मत पड़े, जिसमें से 4701 वैध और 53 अमान्य घोषित हुए। कोटा (राष्ट्रपति चुने जाने वाले उम्मीदवार के लिए) 5,28,491 था। द्रौपदी मुर्मू ने 2824 प्रथम वरीयता वोट हासिल किए जिनकी वैल्यू 6,76,803 है। कुल 53 अवैध वोट थे। उन्होंने कहा कि गणना पूरी करने के बाद कोटा निकाला गया जिसमें द्रौपदी मुर्मू को उस कोटे से अधिक वोट मिले। इसके आधार पर मैंने निर्वाचन अधिकारी होने के नाते यह घोषणा की है।

सूत्रों ने कहा कि विपक्षी दलों के 17 सांसदों ने उनके समर्थन में ‘क्रॉस वोटिंग’ की है। आंध्र प्रदेश के सभी विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में मतदान किया, जबकि अरुणाचल प्रदेश में उन्हें चार को छोड़कर सभी विधायकों के मत मिले। मुर्मू के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर देश के अनेक हिस्सों में जश्न का माहौल है। खासकर के आदिवासी क्षेत्रों में उनकी जीत की खुशी जबरदस्त तरीके से मनाई जा रही है। भाजपा की ओर से भी इसे भुनाने की कोशिश की जा रही है। वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के बड़े नेता और मुख्यमंत्री ने भी इस जीत के लिए द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने पर मुर्मू को बधाई दी और कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में पूर्वी भारत के सुदूर हिस्से से ताल्लुक रखने वाली एक आदिवासी समुदाय में जन्मी नेता को राष्ट्रपति निर्वाचित कर भारत ने इतिहास रच दिया है। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू की “प्रभावशाली” जीत पर उन्हें बधाई दी और कहा कि उनकी विजय भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का संकेत है।

वहीं, राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने बृहस्पतिवार को अपनी हार स्वीकार करते हुए मुर्मू को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हर भारतीय उम्मीद करता है कि 15वें राष्ट्रपति के रूप में वह बिना किसी डर या पक्षपात के ‘‘संविधान के संरक्षक’’ के रूप में कार्य करेंगी। मतगणना शुरू होने के तुरंत बाद और उनकी जीत तय होने के बाद उनके पैतृक शहर रायरंगपुर में ‘‘ओडिशा की बेटी’’ को बधाई देने के लिए जश्न शुरू हुआ और लोक कलाकारों और आदिवासी नर्तकों ने सड़कों पर नृत्य किया। मुर्मू की आदिवासी पृष्ठभूमि ने न केवल उन्हें शीर्ष पद पर पहुंचाने में मदद की, बल्कि उन्हें मैदान में उतारकर भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव के अलावा गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में एसटी समुदाय के महत्वपूर्ण वोटों पर भी नजर गड़ाए हुए है। उनकी जीत निश्चित लग रही थी और बीजू जनता दल (बीजद), शिवसेना, झारखंड मुक्ति मोर्चा, वाईएसआर कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) जैसे विपक्षी दलों के समर्थन से उनका पक्ष मजबूत हुआ था। ओडिशा में अपने पैर जमाने का प्रयास कर रही भाजपा का ध्यान आदिवासी बहूल मयूरभंज पर हमेशा से रहा है।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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