जहां था कूड़े का पहाड़ वहां अब प्रेरणा का केंद्र, लखनऊ में Rashtra Prerna Sthal के उद्धाटन पर बोले PM Modi

जहां था कूड़े का पहाड़ वहां अब प्रेरणा का केंद्र, लखनऊ में Rashtra Prerna Sthal के उद्धाटन पर बोले PM Modi

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन किया। इस मौके पर आयोजित एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा और भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। मंच पर उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।

जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अटल बिहारी वाजपेयी, महामना मदन मोहन मालवीय और महाराजा बिजली पासी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने दुनिया भर को क्रिसमस की भी शुभकामनाएं दीं।

कूड़े के पहाड़ से प्रेरणा स्थल तक

पीएम ने बताया कि जिस 30 एकड़ जमीन पर आज यह भव्य स्मारक खड़ा है, वहां पहले कूड़े का पहाड़ हुआ करता था। उन्होंने इस बदलाव के लिए सीएम योगी और उनकी टीम की सराहना की।

गरीबी के खिलाफ जंग

पीएम ने कहा कि पिछले एक दशक में करोड़ों भारतीयों ने गरीबी को हराया है। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले केवल 25 करोड़ लोग सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में थे, लेकिन आज यह संख्या बढ़कर 95 करोड़ हो गई है।

अटल जी और सुशासन की नींव

पीएम मोदी ने कहा कि लंबे समय तक देश में सिर्फ गरीबी हटाओ जैसे नारों को सुशासन मान लिया गया था, लेकिन अटल जी ने इसे जमीन पर उतारा। उन्होंने कहा, आज जिस डिजिटल पहचान की चर्चा पूरी दुनिया में है, उसकी नींव अटल जी की सरकार ने ही रखी थी।

अनुच्छेद 370 का जिक्र

पीएम ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने दो विधान और दो निशान का कड़ा विरोध किया था और भाजपा सरकार को अनुच्छेद 370 की दीवार को गिराने का सौभाग्य मिला। उन्होंने महाराजा सुहेलदेव, भगवान बिरसा मुंडा और महाराजा बिजली पासी के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार उन नायकों को सम्मान दे रही है जिन्हें दशकों तक नजरअंदाज किया गया।

क्या है राष्ट्र प्रेरणा स्थल?

यह लखनऊ में स्थित एक ऐसा परिसर है जहां अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 65 फीट ऊंची प्रतिमाएं लगाई गई हैं। इसमें एक अत्याधुनिक म्यूजियम भी है जो भारत की सांस्कृतिक और राजनीतिक यात्रा को दर्शाता है।

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