उत्तर पश्चिम रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, देश की पहली वंदे भारत ट्रेन स्लीपर कोच रखरखाव सुविधा राजस्थान के जोधपुर में 2026 के मध्य तक बनकर तैयार हो जाएगी। उत्तर पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर मेजर अमित स्वामी ने बताया कि भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर यह अत्याधुनिक सुविधा 360 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही है। उत्तर पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता मेजर अमित स्वामी ने बताया कि भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर अत्याधुनिक सुविधा का निर्माण 360 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।
रखरखाव और कार्यशाला डिपो का पहला चरण, जिसमें वंदे भारत ट्रेनों के 24 शयनयान के रखरखाव के लिए 600 मीटर की ट्रैक सुविधा शामिल है, जून 2026 तक तैयार हो जाएगा। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि दूसरा चरण, जिसमें एक कार्यशाला और सिम्युलेटर सुविधा सहित 178 मीटर का ट्रैक होगा, जून 2027 तक पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस सुविधा में एक समर्पित व्हील रैक प्रणाली और एक विशेष परीक्षण प्रयोगशाला भी होगी, जिसमें उच्च तकनीक वाले उपकरणों के प्रशिक्षण और मूल्यांकन के लिए नवीनतम सिमुलेटर भी शामिल होंगे, जो भारतीय रेलवे के सटीकता, संरक्षा और प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करने को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि पहले चरण की लागत 167 करोड़ रुपये और दूसरे चरण की लागत 195 करोड़ रुपये होगी।
इस परियोजना का क्रियान्वयन उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा रेलवे विकास निगम लिमिटेड और रूस व भारत के संयुक्त उद्यम काइनेट रेलवे सॉल्यूशन के साथ तकनीकी साझेदार के रूप में किया जा रहा है। स्वामी ने कहा कि यह सुविधा केवल वंदे भारत के शयन यान के रखरखाव के लिये ही होगी, जिन्हें शीघ्र ही शुरू किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना में वंदे भारत कोचों के लिए त्रि-स्तरीय निरीक्षण सुविधा शामिल है। ऐसी चार और सुविधाएं बिजवासन रेलवे स्टेशन (दिल्ली), थानिसांद्रा रेलवे स्टेशन (बेंगलुरु), आनंद विहार (दिल्ली) और वाडी बंदर (मुंबई) में स्थापित की जा रही हैं।
