हरदोई ( उत्तरप्रदेश)
पॉलिटेक्निक में छात्रों का हंगामा,गंदे भोजन और गंदगी से परेशान छात्र-छात्राओं ने किया जोरदार प्रदर्शन,वार्डन और मेस प्रभारी पर कार्रवाई की मांग
हरदोई राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में गुरुवार को छात्र-छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि छात्रावास में बेहद गंदा भोजन दिया जा रहा है,जिसमें कई बार कीड़े निकल चुके हैं। हॉस्टल की सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह ध्वस्त है,जिससे छात्र-छात्राएं परेशान हैं।इसी समस्या को लेकर उन्होंने कॉलेज परिसर में हंगामा किया और वार्डन अनूला व मेस प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
स्थिति बिगड़ने पर कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को मौके पर बुलाया।पुलिस ने पहुंचकर स्थिति को संभाला और छात्रों से बातचीत की।इस दौरान विभाग संगठन मंत्री किशन के नेतृत्व में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे और छात्रों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
छात्राओं ने बताया कि हॉस्टल के भोजन में लगातार कीड़े निकल रहे हैं।वार्डन छात्रावास में कभी नहीं रुकतीं और शिकायत करने पर उन्हें प्रिंसिपल से मिलने नहीं दिया जाता।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब वे सामूहिक रूप से समस्या उठाती हैं, तो उन्हें झूठे आरोप लगाकर बदनाम किया जाता है।कॉलेज में फर्नीचर,टेबल-चेयर तक की कमी है और विरोध करने पर इंटरनल मार्क्स काटने की धमकी दी जाती है।
वहीं छात्रों ने कहा कि मेस में मिलने वाला भोजन दूषित और अस्वच्छ है।सफाई व्यवस्था पूरी तरह से लचर है और शिकायत करने पर प्रशासन उनकी आवाज दबाने की कोशिश करता है।वहीं एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि छात्रों की समस्याएं गंभीर हैं।उन्होंने बताया कि जब वे कॉलेज पहुंचे और प्रिंसिपल से मिलने का प्रयास किया तो उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कॉलेज प्रशासन ने जल्द सुधार नहीं किया तो एबीवीपी एक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होगी।मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रिंसिपल, छात्र-छात्राओं और एबीवीपी पदाधिकारियों से बातचीत कर मामला शांत कराया।
प्रिंसिपल कविता त्रिपाठी ने आश्वासन दिया कि अब प्रतिदिन हॉस्टल में रह रही छात्राओं से बातचीत कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।साथ ही सफाई और भोजन की गुणवत्ता सुधारने के निर्देश भी दिए गए हैं।इस बारे में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि यदि वादे पूरे नहीं किए गए तो वे फिर से आंदोलन के लिए तैयार हैं।
