आध्यात्मिक गुरु और बागेश्वर धाम सरकार के प्रमुख आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने कवि कुमार विश्वास के साथ बुधवार को उत्तरकाशी के बड़कोट में यमुना नदी के किनारे पूजा-अर्चना की। इस दौरान, उन्होंने नदी की शुद्धता पर चिंता जताते हुए एक बड़ी सनातन हिंदू एकता पदयात्रा की घोषणा की।
मां यमुना की शुद्धता पर जताई चिंता
यमुना तट पर पूजा के बाद, आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने नदी की शुद्धता देखकर हैरानी जताई और ब्रज क्षेत्र तथा दिल्ली (इंद्रप्रस्थ) में इसके प्रदूषित रूप पर दुख व्यक्त किया।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, यहां, मां यमुना का पानी सोने जैसा एकदम शुद्ध है। मां यमुना का यह रूप देखकर, मुझे हैरानी हुई कि ऐसी पवित्रता ब्रज क्षेत्र और दिल्ली में क्यों नहीं मिलती। यह देखकर मेरा दिल बैठ गया। उन्होंने यमुना को उसके मूल शुद्ध रूप में वापस लाने के लिए कार्य करने का संकल्प लिया।
सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का ऐलान
आध्यात्मिक गुरु आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू एकता के उद्देश्य से एक बड़ी पदयात्रा की घोषणा की है। यह यात्रा 7 नवंबर से शुरू होकर 16 नवंबर तक चलेगी, जिसका मार्ग दिल्ली से वृंदावन होगा। पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदुओं को एक साथ लाना और सनातनियों को एकजुट करना है। इस दौरान, शास्त्री ने दृढ़ता से कहा कि इस देश में कोई तनातनी नहीं होगा, सिर्फ सनातनी होंगे।
उन्होंने अपने संबोधन में राजनीतिक और धार्मिक रूप से तीखे बयान भी दिए, जिसमें उन्होंने कहा, इस देश में कोई गजवा-ए-हिंद नहीं होगा, सिर्फ भगवा-ए-हिंद होगा। राम का साथ देने वालों की जयकार होगी, राम का विरोध करने वालों की नहीं।
