चक्रवात मोंथा का असर पूरे देश में देखने को मिल रहा है। जहां दक्षिण भारत में लगातार हाई अलर्ट जारी है। वहीं तटीय क्षेत्रों में समुद्र में तूफानी लहरे उठ रही थी।वहीं दक्षिण के अलावा मैदानी इलाकों में भी मौसम पलट गया है। चक्रवात मोंथा और एक परिसंचरण तंत्र के असर से राजस्थान के अनेक भागों में बीते चौबीस घंटे में भारी से अति भारी बारिश हुई है। बारिश की वजह से तापमान में गिरावट भी दर्ज की गई है।
मौसम केंद्र, जयपुर के अनुसार इस समय बंगाल की खाड़ी में एक तीव्र चक्रवाती तूफान मोंथा आंध्र प्रदेश तट के पास बना हुआ है। एक अवदाब मध्य अरब सागर की खाड़ी में तथा परिसंचरण तंत्र उत्तर-पूर्वी राजस्थान व आसपास क्षेत्र के ऊपर स्थित है। इसके चलते पिछले 24 घंटों में दक्षिणी व पूर्वी राजस्थान में कहीं-कहीं भारी व अति भारी बारिश दर्ज हुई है।
सर्वाधिक 130 मिलीमीटर बारिश नैनवा, बूंदी में दर्ज की गई है। राजधानी जयपुर में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन बादल छाए रहे। मौसम में इस बदलाव से अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है। मौसम केंद्र के अनुसार उदयपुर, कोटा संभाग व आसपास के जिलों में आज भी कहीं-कहीं भारी बारिश व अजमेर, जयपुर और भरतपुर व जोधपुर संभाग के कुछ भागों में बादलों की गरज के साथ हल्की-मध्यम बारिश होने की संभावना है।
राज्य में भारी बारिश की गतिविधियों में 29 अक्टूबर से वृद्धि होगी, हालांकि दक्षिणी व दक्षिण-पूर्वी भागों में आगामी 4-5 दिन हल्की मध्यम बारिश की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है। इसी तरह पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र, बीकानेर संभाग व शेखावाटी क्षेत्र में आगामी 4-5 दिन मौसम शुष्क रहने की संभावना है। वहीं एक और नया पश्चिमी विक्षोभ तीन नवंबर को पुनः सक्रिय होने से पश्चिमी व पूर्वी भागों में हल्की-मध्यम बारिश हो सकती है।
चक्रवात मोन्था सोमवार को बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक भीषण चक्रवाती तूफ़ान में बदल गया। आंध्र प्रदेश और ओडिशा हाई अलर्ट पर हैं, लोगों को निकालने का काम तेज़ी से चल रहा है और आज रात काकीनाडा के पास आने वाले संभावित भूस्खलन की तैयारी कर रहे हैं। 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार वाली हवाओं के साथ आ रहे इस तूफ़ान ने तटीय क्षेत्र में पहले ही भारी बारिश और तेज़ हवाएँ चला दी हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात मोन्था सोमवार सुबह मछलीपट्टनम से लगभग 190 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व और विशाखापत्तनम से 340 किलोमीटर दक्षिण में केंद्रित था। इस तूफ़ान के आज शाम या रात तक मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच तट पार करने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आंध्र प्रदेश को हर संभव केंद्रीय सहायता का आश्वासन दिया क्योंकि राज्य उच्च ज्वार, बाढ़ और व्यापक व्यवधान से जूझ रहा है।
