आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत वर्ष 2018 में इसकी शुरुआत के बाद से 9.19 करोड़ से अधिक मरीज अस्पताल में भर्ती हुए और उनके इलाज आदि पर 1,29,386 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसमें सबसे अधिक डायलिसिस के मामले रहे। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों से मिली।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 के अनुसार, 31 मार्च तक 40.45 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी किए गए, जिनमें 14.69 करोड़ परिवार शामिल हैं। इसके तहत हेमोडायलिसिस (14 प्रतिशत) सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला उपचार रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, 31,005 अस्पतालों (55 प्रतिशत सार्वजनिक और 45 प्रतिशत निजी) को समिति में शामिल किया गया, जिससे योजना की राष्ट्रव्यापी पहुंच सुनिश्चित हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 82 प्रतिशत लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों से हैं, जिनमें से 94 प्रतिशत के पास आधार-सत्यापित कार्ड हैं, जिससे प्रामाणिकता और समावेशिता सुनिश्चित होती है।