अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बौखलाहट से एक बात साफ हो जानी चाहिए कि आज अमेरिका ही नहीं दुनिया के अन्य देशों के लिए भी धरती के गर्भ में समाई खनिज संपदा महत्वपूर्ण हो गई है। अमेरिका चाहे यूक्रेन पर दबाव बना रहा हो या कनाड़ा को राज्य के रुप में घोषित कर अमेरिका में मिलाने की छटपटाहट हो या अन्य देशों की और भ्रकुटी तानने या मेल मिलाप के प्रयास हो सब कुछ इस खनिज संपदा को लेकर ही है। आज चाइना की मोनोपोली देखने को मिल रही है उसका बड़ा कारण भी उसके पास रेयर अर्थ एलिमेंट सहित आज के बदलते युग की मांग को पूरी करने वाली पुरासंपदा के अथाह भण्डार के कारण ही है। ऐसे में वैसे तो दुनिया के देश खनि संपदा को लेकर गंभीर है वहीं हमारे देश में भी केन्द्र और राज्य सरकारें खनिज खोज, खनन और खनिज आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की कमर कस ली है। ऐसे में राजस्थान सरकार भी माइनिंग सेक्टर प्रोएक्टिव भूमिका निभाते हुए आगे आया है। वर्तमान सरकार खासतौर से मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को खनन क्षेत्र में राजस्थान को अग्रणी प्रदेश बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। राजस्थान की सरकार द्वारा योजनाबद्ध प्रयासों के तहत प्रदेश में खनिज से जुड़े सभी पहलूओं के योजनावद्ध क्रियान्वयन, समन्वय, प्रबंधन, प्रभावी मोनेटरिंग, एक्सप्लोरेशन, राजस्व, निवेश एवं रोजगार बढ़ोतरी, सस्टेनेबल माइनिंग, माइनिंग सेक्टर में देश दुनिया में हो रहे नवाचार और नवीनतम तकनीक और उसके प्रदेश में उपयोग सहित विभिन्न बिन्दुओं को लेकर विभाग द्वारा उच्चस्तरीय परियोजना मोनेटरिंग इकाई (पीएमयू) का गठन किया है। माना जा रहा है कि प्रदेश में क्रिटिकल एवं स्ट्रेटेजिक खनिजों के साथ ही प्रधान व अप्रधान खनिजों के विपुल भण्डारों को देखते हुए पीएमयू के गठन से खनिज क्षेत्र को और अधिक गतिशील बनाया जाएगा। इससे खानें जल्दी परिचालन आने के साथ ही निवेश एवं रोजगार के अवसर बढेंगे। वैसे भी आने वाले समय में माइनिंग सेक्टर की भूमिका में बड़ा बदलाव आने लगा है। अमेरिकी राष्ट्रप्रति ट्रॅप की छटपटाहट से इसे आसानी से समझा जा सकता है।
अमेरिका कभी कनाडा को अमेरिका का राज्य ही बनाने में जुटा है तो यूक्रेन की खनिज संपदा अपने नाम करवाने या रुस पर दबाव बनाने के पीछे धरती के गर्भ में समाई खनिज संपदा ही है। खनिज संपदा पर आज दुनिया के देशों की नजर है। चीन के वर्चस्व का बड़ा कारण उसका आरईई सहित खनिज संपदा पर एकाधिकार ही है और आज चीन के इस वर्चस्व को कम करने में ही जुटे हुए हैं। खैर यह विषयांतर होगा पर एक बात साफ है कि माइनिंग सेक्टर में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व व मार्गदर्शन में तेजी से काम होने लगा है और राजथान ऑक्शन सहित रेवेन्यू अर्जन विकास दर आदि में अव्वल हो गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा माइनिंग सेक्टर में विपुल संभावनाओं को देखते हुए राजस्थान के माइनिंग सेक्टर को देश में अग्रणी राज्य बनाने पर जोर देते रहे हैं। नई खनिज नीति, एम-सेण्ड नीति, रिप्स में सहायता प्रावधान, एमनेस्टी योजना सहित प्रक्रिया के सरलीकरण और खनन क्षेत्र विकास के महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं। पीएमयू के गठन के साथ ही खनन क्षेत्र से जुड़ी प्रमुख गतिविधियों को 7 सेक्टरों में चिन्हित किया गया है।
प्रमुख सचिव माइन्स टी रविकान्त का मानना है कि सभी क्षेत्रों में समन्वित व तेजी से विकास के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जोड़ते हुए पीएमयू का गठन किया गया है जिससे योजनावद्ध तरीके से तेजी से आगे बढ़ा जा सके। एक्सप्लोरेशन, ऑक्शन, शीध्र परिचालन, रिसर्च एवं डव्लपमेंट, जीरो लॉस माइनिंग, इकोटूरिज्म की संभावनाओं, पेपरलेस सहित विभिन्न गतिविधियों का समावेश किया गया है। विभाग के वरिष्ठ व विशेषज्ञ अधिकारियों को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है।
खनिज क्षेत्र से जुड़े 7 प्रमुख सेक्टरों में से पहले एक्सप्लोरेशन व ऑक्शन का बनाया गया है। इस दल द्वारां कोमोडिटी, मिनरल ग्रेड, खनन के प्रकार सहित विभिन्न बिन्दुओं पर कार्य करेगी। यह दल जीएसआई सहित तकनीकी विशेषज्ञों से समन्वय बनाते हुए एक्सप्लोरेशन से ऑक्शन आदि संबंधित कार्यों को और अधिक प्रभावी गति दी जा सकेगी। इसी तरह से ऑक्शन किये गये माइनर और मिनरल ब्लॉकों को जल्द से जल्द परिचालन में लाने के लिए संबंधित स्टेक होल्डर्स व खान विभाग सहित संबंधित विभागों से समन्वय बनाते हुए आवश्यक अनुमतियां दिलाने में सहयोग के साथ ही शीघ्र परिचालन में लाने का कार्य करेगी। विभाग का जोर खनन क्षेत्र में राजस्व बढ़ाने और राजस्व में किसी भी तरह की छीजत को रोकना भी है और इसके लिए एक दल को मोनेटरिंग सहित आवश्यक सभी जिम्मेदारियां दी गई है। डीएमएफटी के कार्य को गति देने और राशि के बेहतर उपयोग की मोनेटरिंग की जिम्मेदारी सौंपते हुए डीएमएफटी फण्ड के अन्य प्रदेशों में उपयोग को लेकर अध्ययन सहित योजना, क्रियान्वयन व मोनेटरिंग का फ्रेमवर्क तैयार करने को कहा गया है। राज्य सरकार का सस्टेनेबल माइनिंग पर जोर रहने के साथ ही बदलते परिवेश में यह आवश्यक भी हो गया है। सस्टेनेबल माइनिंग और ऑटोमेशन और तकनीक सेक्टर दल द्वारा स्टार रेंटिंग, बंद व कार्य नहीं कर रही खानों में इको टूरिज्म की संभावनाओं व क्रियान्वयन, डम्प ओवरवर्डन आदि के रिसाइक्लिनिंग व उपयोग, श्रेष्ठ कार्य करने वाली खानों को प्रोत्साहित करने के साथ ही विभागीय सिस्टम को नई तकनीक से जोड़ने और पेपरलेस करने की दिशा में कार्य दिया गया है। इसी तरह से खनिज क्षेत्र में शोध एवं विकास को बढ़ावा देने, अधिकारियों के रिओरियेंटेशन, खनन क्षेत्र से जुड़े स्टेक होल्डर्स व विभाग के बीच साझा मंच उपलब्ध कराने, देश दुनिया में तकनीक में आ रही बदलाव से रुबरु कराने सहित इस तरह के कार्यों के लिए कॉन्क्लेव, सेमिनार, संगोष्ठियां, प्रशिक्षण कार्यक्रम की रुपरेखा व आयोजन का कार्य किया जाएगा। राज्य सरकार ने पीएमयू गठित कर जिम्मेदारी तय करने के साथ ही सरकार की ईच्छा शक्ति स्पष्ट कर दी है। अब पीएमयू टीम को जी जान से जुटते हुए माइनिंग के सभी क्षेत्रों में अग्रणी बनाने के लिए जुट जाना होगा।
माइनिंग सेक्टर आज देश दुनिया में महत्वपूर्ण सेक्टर हो गया है। ऐसे में राजस्थान सरकार द्वारा प्रोएक्टिव रोल अपनाने की पहल निश्चित रुप से समय की मांग के अनुकूल है। केन्द्र सरकार भी गंभीर है और क्रिटिकल व स्ट्रेटेजिक खनिजों की नीलामी का काम तो केन्द्र सरकार ने अपने हाथों में ले लिया है। इसी तरह से केन्द्र सरकार ने मोनेटरिंग सिस्टम को मजबूत करने के साथ ही प्रोत्साहन के रुप में परफोरमेंस के आधार पर खानों की रेटिंग कर पुरस्कृत करने की पहल की है जिससे स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा को माहौल बना है। राजस्थान सरकार ने भी रेटिंग सिस्टम अरंभ करने की पहल की है।
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा