India and Mongolia Relation | आध्यात्मिक पड़ोसी मंगोलिया संग भारत बढ़ाएगा रिश्ते, भारतीय राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश

India and Mongolia Relation | आध्यात्मिक पड़ोसी मंगोलिया संग भारत बढ़ाएगा रिश्ते, भारतीय राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि साझा सांस्कृतिक विरासत और लोकतांत्रिक मूल्य भारत-मंगोलिया संबंधों की नींव हैं। कल राष्ट्रपति भवन में मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत और मंगोलिया रणनीतिक साझेदार, तीसरे पड़ोसी और आध्यात्मिक पड़ोसी हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में, भारत ने मंगोलिया में बौद्ध मठों के जीर्णोद्धार और प्राचीन पांडुलिपियों के पुनर्मुद्रण सहित विभिन्न सांस्कृतिक परियोजनाएँ शुरू की हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विश्वास व्यक्त किया कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर समझौता ज्ञापन सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेगा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि सहयोग के समकालीन आयामों को जोड़कर भारत और मंगोलिया के द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करने का समय आ गया है। मंगोलिया के राष्ट्रपति हुरेलसुख उखना और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि साझा सांस्कृतिक विरासत और लोकतांत्रिक मूल्य भारत-मंगोलिया संबंधों की नींव हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि सहयोग के समकालीन आयामों को जोड़कर भारत और मंगोलिया के द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करने का समय आ गया है। मंगोलिया के राष्ट्रपति हुरेलसुख उखना और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि साझा सांस्कृतिक विरासत और लोकतांत्रिक मूल्य भारत-मंगोलिया संबंधों की नींव हैं।

राष्ट्रपति ने ग्लोबल साउथ के सदस्यों के रूप में संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षीय मंचों पर दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग की भी सराहना की। राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि सहयोग के नए और समकालीन आयाम जोड़कर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करने का समय आ गया है, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ होगा।

मुर्मू ने इस यात्रा को विशेष बताया क्योंकि दोनों देश अपने संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 25 साल में, भारत ने मंगोलिया में बौद्ध मठों के जीर्णोद्धार और प्राचीन पांडुलिपियों के पुनर्मुद्रण सहित कई सांस्कृतिक परियोजनाएं शुरू की हैं।

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