राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने आरोप लगाया है कि ट्रोलर्स, बिकाऊ मीडिया और पार्टी पर कब्ज़ा करने की बुरी मंशा रखने वाले लोग उनके खिलाफ निराधार अफवाहें फैला रहे हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा कि मेरे संदर्भ में ट्रोलर्स, उद्दंडों, पेड - मीडिया एवं पार्टी हड़पने की कुत्सित मंशा रखने वालों के द्वारा फैलाये जा रहे तमाम अफवाह निराधार और मेरी छवि को नुकसान पहुँचाने के मकसद से किए जा रहे दुष्प्रचार का हिस्सा हैं .. मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा न कभी रही थी, न है और ना ही आगे रहेगी, न मुझे खुद विधानसभा का प्रत्याशी बनना है, ना ही किसी को विधानसभा का प्रत्याशी बनवाना है, न राज्यसभा की सदस्य्ता की मेरी कोई आकांक्षा है, न ही परिवार के किसी भी सदस्य से मेरी किसी भी प्रकार की प्रतिद्वंदिता है और ना ही पार्टी या भविष्य में बनने वाली किसी भी सरकार में किसी पद की कोई लालसा है।
रोहिणी आचार्य ने साफ तौर पर कहा कि मेरे लिए मेरा आत्म - सम्मान, मेरे माता-पिता के प्रति सम्मान व् समर्पण, मेरे परिवार की प्रतिष्ठा ही सर्वोपरि है। आचार्य का यह स्पष्टीकरण कुछ रहस्यमयी ट्वीट्स के बाद आया है, जिनसे यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि मेडिकल स्नातक से गृहिणी बनीं आचार्य, जो पिछले साल के लोकसभा चुनावों में सारण से पार्टी की उम्मीदवार थीं, अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के प्रभाव से नाखुश थीं। मीडिया के एक हिस्से में ऐसी खबरें आई हैं कि सिंगापुर में रहने वाली आचार्या, जिनके एक्स पर दो लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं, लेकिन वे केवल तीन हैंडल्स को फ़ॉलो करती हैं, ने अपने पिता और छोटे भाई को अनफ़ॉलो कर दिया है।
दोनों सोशल मीडिया साइट पर उन्हें फ़ॉलो करते रहते हैं। बिहार विधानसभा चुनावों से पहले, राजद अपने संस्थापक अध्यक्ष के परिवार में कलह की तैयारी में लग रहा है। तेज प्रताप यादव इस साल की शुरुआत में प्रसाद द्वारा पार्टी से निकाले जाने के बाद से ही नाराज़ चल रहे हैं, वहीं आचार्य ने पिछले कुछ दिनों में अपने ट्वीट्स की श्रृंखला से कई लोगों को चौंका दिया है। 47 वर्षीया ने पिछले हफ़्ते अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था, "मैं एक बेटी और एक बहन होने के नाते अपने कर्तव्यों का पालन करती रही हूँ और करती रहूँगी। न तो मुझे किसी पद की लालसा है और न ही मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है।"
