अदालत ने 5 करोड़ रुपये की मांग को अनुचित बताया और कहा कि ऐसा रुख प्रतिकूल आदेशों को आमंत्रित कर सकता है। न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा कि हम दोनों पक्षों को समझौते के लिए सर्वोच्च न्यायालय मध्यस्थता केंद्र में वापस जाने का निर्देश देते हैं। हमें बताया गया है कि पत्नी ने विवाह विच्छेद के लिए 5 करोड़ रुपये की मांग की है। दोनों पक्षों के बीच वैवाहिक जीवन लगभग एक वर्ष का ही है। न्यायमूर्ति पारदीवाला ने आगे कहा कि अगर पत्नी का रुख ऐसा ही रहा, तो हमें कुछ ऐसे आदेश देने पड़ सकते हैं जो उसे पसंद न आएँ। है ना? हम उम्मीद करते हैं कि पत्नी वाजिब माँग रखेगी और इस मुकदमे का अंत करेगी।
अदालत में प्रस्तुत किए गए दस्तावेज़ों के अनुसार, अमेज़न में कार्यरत इंजीनियर पति ने कानूनी विवाद को समाप्त करने के लिए पूर्ण और अंतिम समझौते के रूप में 35 से 40 लाख रुपये की पेशकश की है। हालाँकि, पत्नी ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। अदालत ने दोनों पक्षों को 5 अक्टूबर को सुबह 11:30 बजे सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता केंद्र में उपस्थित होने को कहा है। मध्यस्थता रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद मामले की फिर से सुनवाई की जाएगी।
