विशेष अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2006 में एयरसेल के अधिग्रहण के लिए उसकी सहायक कंपनी को दी गई एफआईपीबी मंजूरी के संबंध में सीबीआई के अनुरोध पर मलेशियाई दूरसंचार कंपनी मैक्सिस और उसके पूर्व निदेशक ऑगस्टस राल्फ मार्शल को नया समन जारी किया है। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने इस मामले के संबंध में मलेशियाई कंपनी एस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क को भी समन जारी करने का अनुरोध किया था, जिसे विशेष अदालत ने मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने मलेशिया में समन तामील करने के लिए अदालत से तीन महीने का समय मांगा है।
जांच एजेंसी ने पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और कुछ अन्य के खिलाफ 29 अगस्त, 2014 को अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसके बाद विशेष अदालत ने मलेशिया स्थित आरोपियों को कई बार समन जारी किए, लेकिन भारतीय उच्चायोग और गृह मंत्रालय के प्रयासों के बावजूद, उन्हें तामील नहीं कराया गया। 2015 में, वरिष्ठ लोक अभियोजक (एसएसपी) के के गोयल ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश को बताया था कि उच्चायोग और गृह मंत्रालय ने तीन बार समन तामील कराने की कोशिश की थी।
जांच एजेंसी ने पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और कुछ अन्य के खिलाफ 29 अगस्त, 2014 को अपना पहला आरोपपत्र दायर किया था। हालांकि, दो फरवरी, 2017 को एक विशेष अदालत ने उन्हें आरोपमुक्त कर दिया था। सीबीआई ने इसे दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। एजेंसी ने 19 जुलाई, 2018 को चिदंबरम और अन्य के खिलाफ एक और आरोपपत्र दायर किया, जो अब भी विशेष अदालत के समक्ष है। चिदंबरम ने इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी करने से परहेज किया है।
