जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बृहस्पतिवार को भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के दो अभियंताओं को 45,000 रुपये की रिश्वत लेने के मामले में दोषी ठहराया।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 2011 में डोडामें स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में 45,000 रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए कनिष्ठ अभियंता राजा फैसल को गिरफ्तार किया था। एक एसीबी प्रवक्ता ने बताया कि जांच में सहायक कार्यकारी अभियंता सैयद इखलाक हुसैन पीर की संलिप्तता भी सामने आयी।
न्यायाधीश अर्चना चरक ने दोनों अभियंताओं को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और धारा 161(जो अब निरस्त हो चुकी है, लेकिन पीसी एक्ट के तहत लागू मानी गई) के तहत दोषी ठहराया।
अदालत ने प्रत्येक आरोपी को धारा 120बी आरपीसी के तहत एक वर्ष के कठोर कारावास और 10,000 रुपये के जुर्माने, धारा 161 आरपीसी के तहत एक वर्ष के कठोर कारावास और 10,000 रुपये के जुर्माने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक वर्ष के कठोर कारावास और 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
यह मामला एक ठेकेदार की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिसने डोडा-गनेका सड़क पर तारकोल बिछाने का काम पूरा किया था। एसीबी प्रवक्ता ने बताया कि 75 प्रतिशत भुगतान कर दिया गया था, लेकिन उसके बाद आरोपी अधिकारियों ने शेष राशि जारी करने के लिए 45,000 रुपये की रिश्वत मांगी, जिससे परेशान होकर शिकायत की गई।