प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 सितंबर को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का दौरा करेंगे। वाराणसी में, प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम की मेज़बानी करेंगे, जो 9 से 16 सितंबर तक भारत की राजकीय यात्रा पर हैं। इसके बाद, प्रधानमंत्री देहरादून जाएँगे, जहाँ वे उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
ऐतिहासिक शहर वाराणसी में दोनों नेताओं के बीच यह बैठक स्थायी सभ्यतागत जुड़ाव, आध्यात्मिक बंधन और लोगों के बीच गहरे संबंधों को रेखांकित करती है, जिन्होंने भारत और मॉरीशस के बीच विशेष और अनूठे संबंधों को आकार दिया है। द्विपक्षीय चर्चाओं के दौरान, दोनों नेता सहयोग के संपूर्ण आयाम की समीक्षा करेंगे, जिसमें विकास साझेदारी और क्षमता निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। वे स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, बुनियादी ढाँचे के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे और नीली अर्थव्यवस्था जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर भी चर्चा करेंगे।
यह यात्रा मार्च 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस की राजकीय यात्रा से उत्पन्न सकारात्मक गति को और आगे बढ़ाएगी, जिसके दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को उन्नत रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक पहुँचाया था। हिंद महासागर क्षेत्र में एक मूल्यवान साझेदार और घनिष्ठ समुद्री पड़ोसी के रूप में, मॉरीशस भारत के महासागर (क्षेत्र भर में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) दृष्टिकोण और पड़ोसी पहले नीति के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच गहराता सहयोग न केवल दोनों देशों के लोगों की समृद्धि के लिए, बल्कि वैश्विक दक्षिण की सामूहिक आकांक्षाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। वाराणसी शिखर सम्मेलन भारत और मॉरीशस की पारस्परिक समृद्धि, सतत विकास और एक सुरक्षित एवं समावेशी भविष्य की दिशा में साझा यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।