महाराष्ट्र के पुणे में दुष्कर्म की झूठी शिकायत दर्ज कराने वाली 22 वर्षीय आईटी पेशेवर के खिलाफ असंज्ञेय मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। महिला ने तीन जुलाई को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि एक कंपनी प्रतिनिधि (डिलीवरी एजेंट) दो जुलाई की शाम उसके फ्लैट में जबरन घुस गया और उसने एक स्प्रे छिड़कर उसे बेहोश कर दिया तथा इसके बाद उससे दुष्कर्म किया।
लड़की ने प्लानिंग के तहत दर्ज कराई थी दुष्कर्म की झूठी शिकायत
आईटी पेशेवर ने यह भी दावा किया कि उस व्यक्ति ने उसके फोन से एक सेल्फी ली और धमकी दी कि अगर उसने ‘‘घटना’’ का खुलासा किया तो वह उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर देगा। मामले में नाटकीय मोड़ तब आया जब जांच में पता चला कि कंपनी प्रतिनिधि शिकायतकर्ता का दोस्त है और वह उसकी सहमति से फ्लैट में आया था। पुलिस ने जबरन घुसने और स्प्रे के इस्तेमाल की बात को खारिज कर दिया है और कहा कि दुष्कर्म की शिकायत झूठी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोमवार को महिला के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 212, 217 (लोक सेवक को गलत जानकारी देना) और 228 (झूठे सबूत गढ़ना) के तहत एक असंज्ञेय मामला दर्ज किया गया।
पुलिस को गुमराह करने की कोशिश
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने झूठी जानकारी एवं सबूत देने तथा पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करने के आरोप में महिला के खिलाफ असंज्ञेय अपराध दर्ज किया है।’’ पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने पहले कहा था कि फोन चैट, घटनाओं का क्रम, मोबाइल पर बातचीत और महिला के व्यवहार जैसे अलग-अलग साक्ष्यों के आधार पर यह साफ है कि यह दुष्कर्म का मामला नहीं है बल्कि पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की गई।
असंज्ञेय अपराध क्या होता है?
असंज्ञेय अपराध एक छोटा आपराधिक अपराध होता है जिसमें पुलिस बिना वारंट के आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती और जाँच के लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति की आवश्यकता होती है। ये अपराध आम तौर पर कम गंभीर होते हैं और इनमें बातचीत और समझौते के ज़रिए विवादों को सुलझाने पर ज़ोर दिया जाता है। इसके उदाहरणों में मानहानि, सार्वजनिक उपद्रव और साधारण हमला शामिल हैं।