हरदोई ( उत्तरप्रदेश)
शहर के नघेटा रोड स्थित कीर्ति कृष्णा चिकित्सालय में बीती दोपहर लगी आग और आग के बाद जिस तरह सीढ़ी लगाकर , साड़ियों के सहारे बच्चे और उनके परिजन उतरते देखे गए उसके बाद ये तो तय ही हो गया था कि अस्पताल में सुरक्षा मानकों को ताक पर रखा ही रखा गया है , वो तो गनीमत रही कि आग बेसमेंट से ऊपर नही आ पाई अन्यथा बड़ी त्रासदी घट जाती ।
आज यानि गुरुवार को अस्पताल के संचालक / प्रबंधक के खिलाफ थाना कोतवाली शहर में अग्निशमन विभाग की ओर से बिना एनओसी के अस्पताल संचालित करने का मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया । गौरतलब ये रहा कि मुकदमा अज्ञात अस्पताल संचालक के खिलाफ लिखा गया जबकि कौन अस्पताल संचालित कर रहा है पर्दे के आगे से ये जगज़ाहिर है , कौन पर्दे के पीछे है ये ज़ाहिर नही है अभी पर उस विशेष का नाम बोर्ड पर छपा जरूर है और जिससे दुनिया अनजान है अभी तक ।
खैर लिखा पढ़ी की बात करें तो अग्निशमन अधिकारी शिवराज यादव की ओर से शिकायत में कहा गया है कि कीर्ति कृष्ण बाल चिकित्सालय की अग्निशमन विभाग द्वारा जारी की गई एनओसी की वैधता 14 दिसंबर 2024 तक थी। इसके बाद अस्पताल की ओर से अग्निशमन विभाग से एनओसी नहीं ली गई थी ऐसे में चिकित्सालय में आग लगने से लोगों का जीवन संकट में डाला गया और अस्पताल बिना एनओसी के संचालित हो रहा था ।
यक्ष प्रश्न अब ये है कि अस्पताल का संचालक कौन है , मुकदमा अज्ञात के खिलाफ लिखा गया ! बेनामी संपत्ति की तर्ज पर बेनामी अस्पताल , बहुत ही अद्भुत रहा ये मामला तो ।