लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने मुख्तार अंसारी और उनके परिवार द्वारा कब्जा की गई जमीन पर 72 फ्लैट्स बनाने का काम पूरा कर लिया है. ये फ्लैट डालीबाग की 2327.54 वर्ग मीटर निष्क्रांत संपत्ति पर तैयार किया गया है. इन फ्लैट्स में कम कमाने वाले लोग (EWS) रहेंगे. ये फ्लैट EWS कोटे के लोगों के लिए बनाए गए हैं.
इनके लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अगस्त 2025 से शुरू होगी. LDA ने बचे हुए निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं. ताकि, पात्र लोगों को जल्द से जल्द ये आवास उपलब्ध कराए जा सकें.
2020 में प्रशासन ने मुख्तार अंसारी और उनके परिवार द्वारा कब्जाई गई इस संपत्ति को मुक्त कराकर अवैध निर्माण को ध्वस्त किया था. 2023 में तत्कालीन LDA उपाध्यक्ष ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इस निष्क्रांत संपत्ति को LDA को निशुल्क हस्तांतरित करने की मांग की थी.
करोड़ों की लागत से बने फ्लैट
शासन से मंजूरी मिलने के बाद इस जमीन पर निर्माण कार्य शुरू हुआ. हालांकि, इस बीच गाजीपुर प्रशासन और आयकर विभाग ने एक भूखंड पर अपना दावा जताया था, लेकिन शासन के हस्तक्षेप के बाद यह जमीन LDA को सौंप दी गई. LDA के वर्तमान उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने अधूरे निर्माण को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए.
प्राधिकरण ने बताया कि गोरखपुर की निर्माण कंपनी संगम इंटरप्राइजेज को इसके निर्माण कार्य का ठेका मिला था. फ्लैट्स को बनाने का ये ठेका 3.50 करोड़ रुपये में दिया गया था. प्रत्येक फ्लैट की औसत लागत 4.50 लाख रुपये आई है.
ट्रांसफर होती रही जमीन
आयकर विभाग की जांच में सामने आया कि डालीबाग में यह संपत्ति मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी के नाम थी. बाद में मुख्तार ने अपने करीबी गणेश दत्त मिश्रा को इसे बेच दिया. गणेश दत्त ने इसे गाजीपुर निवासी तनवीर सहर के नाम ट्रांसफर किया.
इसके अलावा, मुख्तार सिंडीकेट से जुड़े एजाज उर्फ एजाजुल हक की पत्नी फहमीदा अंसारी के नाम 2000 वर्ग मीटर का एक और भूखंड था. साथ ही, एक अन्य भूखंड मुख्तार की मां राबिया बेगम के नाम था, जिसे बाद में उनके बेटों अब्बास और उमर अंसारी के नाम कर दिया गया.
किसे मिलेंगे ये फ्लैट्स?
LDA ने इन 72 फ्लैट्स को EWS वर्ग के लिए सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने की योजना बनाई है. प्राधिकरण का कहना है कि पंजीकरण प्रक्रिया पारदर्शी होगी और केवल पात्र लोगों को ही आवास आवंटित किए जाएंगे. उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने कहा, हमारा लक्ष्य है कि माफिया के कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन का उपयोग समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए हो.
उन्होंने बताया कि अगस्त से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. इसके बाद जल्द ही इन फ्लैट्स का आवंटन शुरू होगा. मुख्तार अंसारी जैसे माफिया के कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन पर बने ये आवास न केवल जरूरतमंदों को आश्रय प्रदान करेंगे, बल्कि यह भी दर्शाएंगे कि प्रशासन अवैध कब्जे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को तैयार है.