आईपीएल 2025 में दिल्ली कैपिटल्स की तरफ से खेलते हुए कुलदीप यादव के दिमाग में एक ही चीज चल रही थी- इंग्लैंड दौरा… किस्मत से उनके आसपास एक ऐसा शख्स था जो इंग्लैंड की बल्लेबाजी को अंदर से जानता था- केविन पीटरसन. पूर्व इंग्लिश कप्तान और स्पिन के माहिर खिलाड़ी पीटरसन के ज्ञान को लपकने में कुलदीप ने जरा भी देरी नहीं की. अब जब एजबेस्टन टेस्ट नजदीक है और भारत 0-1 से सीरीज में पीछे है. जसप्रीत बुमराह के खेलने की संभावना भी कम है तो भारत को विकेट टेकिंग विकल्प की तलाश है. ऐसे में कुलदीप अपनी बदली हुई सोच, आक्रामक रन-अप और सधे एक्शन के साथ एक मजबूत दावेदार बन जाते हैं.
कुलदीव यादव बताते हैं,
केविन पीटरसन हमारे मेंटॉर थे. उन्होंने मुझे इंग्लैंड दौरे को लेकर काफी सुझाव दिए. बल्लेबाजों की कमजोरी, फील्डिंग पोजिशन, इंग्लिश पिचों का स्वभाव- हर चीज पर चर्चा की. हम एक-एक कर के इंग्लैंड के पूरे बल्लेबाजी क्रम को समझते थे.’
एजबेस्टन की पिच और भारत की रणनीति
लोकल रिपोर्ट्स के अनुसार, एजबेस्टन की पिच धीरे-धीरे स्लो हो जाती है. हेडिंग्ले टेस्ट में सिराज, प्रसिद्ध और शार्दुल को ज्यादा मदद नहीं मिली इसीलिए सवाल उठता है- क्या भारत रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव, दो बाएं हाथ के अलग अंदाज वाले स्पिनर्स को एक साथ उतारेगा? कुलदीप कहते हैं, ‘मुझे विकेट निकालने के अलावा और कुछ नहीं आता. अगर मैं विकेट नहीं लेता तो मेरा खेलना बेकार है. इंग्लैंड हो या भारत, मुझे गेंद को घुमाना है, उस पर रिवॉल्यूशन लाना है, वही मुझे विकेट दिलाएगा.’
सर्जरी, नया एक्शन और 3 साल की मेहनत
2021 में जब कुलदीप को घुटने की सर्जरी करानी पड़ी तो डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी कि उन्हें अपने गेंदबाजी एक्शन में बदलाव लाना होगा. उनका धीमा रन-अप और टेकऑफ उनके घुटने पर ज्यादा दबाव डाल रहा था. कभी वसीम अकरम बनने का सपना देखने वाले इस खिलाड़ी को उनके कोच कपिल पांडे ने स्पिन की राह दिखाई थी. वो भी ऐसा स्पिनर, जो उंगलियों से नहीं, कलाई से गेंद घुमाता था– यानी एक ‘चाइनामैन’. कुलदीप ने एक्शन बदला. रन-अप तेज किया, एंगल सीधा किया, लेकिन शुरुआत में संतुलन खोने लगे. लगभग डेढ़ महीने तक रिदम नहीं आया. छह महीने में जाकर गेंदबाजी में लय लौटी, लेकिन नई दिक्कत आई तेज रन अप. वो 4 ओवर से ज्यादा नहीं डाल पा रहे थे.
रोहित शर्मा का भरोसा और नया स्टेमिना
जब रोहित शर्मा ने कप्तानी संभाली, उन्होंने कुलदीप से लंबे स्पैल की उम्मीद जताई तब टीम के स्ट्रेंथ ट्रेनर सोहम देसाई ने कुलदीप की ट्रेनिंग बदली. धीरे-धीरे वो 8-9 ओवर तक ऊर्जा बनाए रखने लगे. अब वे टेस्ट मैच में 10-12 ओवर भी लगातार डाल सकते हैं. कुलदीप कहते हैं, ‘मैच में अक्सर रोहित भैया मुझसे पूछते हैं– ‘थक तो नहीं रहा?’ अब मैं लंबा स्पैल डालने में सक्षम हूं. इस मुकाम तक पहुंचने में मुझे पूरे 3 साल लगे हैं.’
कोहली, रोहित और अश्विन के बिना पहला टेस्ट
अगर कुलदीप एजबेस्टन टेस्ट में खेलते हैं तो ये उनका पहला टेस्ट होगा, जिसमें न कोहली, न रोहित और न अश्विन मैदान पर होंगे. कोहली ने उन्हें टेस्ट कैप दी थी. रोहित ‘बड़े भाई’ जैसे थे और अश्विन उनके स्पिन गुरू. एक बार अश्विन ने उनके कंधे पर हाथ रखकर कहा था, ‘तुझे ये स्पिन की विरासत आगे ले जानी है. अब वही सपना कुलदीप के लिए एक नई चुनौती बनकर खड़ा है, जिसकी शुरुआत एजबेस्टन टेस्ट से शुरुआत हो सकती है.