3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होने जा रही है. इससे पहले उधमपुर में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षा बलों और पुलिस के साथ मिलकर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय मार्ग पर तीर्थयात्रियों के जत्थे का ट्रायल रन आयोजित किया. अमरनाथ यात्रा 2025 को सुरक्षित बनाने के लिए CRPF ने सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता कर दिया है. जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44), जो हजारों श्रद्धालुओं के आवागमन का मुख्य मार्ग है, इस पर अतिरिक्त फोर्स की तैनात की गई है.
संवेदनशील क्षेत्रों जैसे उधमपुर सेक्टर पर सुरक्षा बढ़ाते हुए हाईवे पर पेट्रोलिंग को मजबूत किया गया है. इसके अलावा, 9 (डॉग स्क्वॉड) यूनिट्स को भी निगरानी में लगाया गया है, ताकि किसी भी संभावित खतरे पर तुरंत कार्रवाई की जा सके.अमरनाथ तीर्थयात्रा के पहले जत्थे को 2 जुलाई 2025 को जम्मू स्थित आधार शिविर से रवाना किया जाएगा. यह अमरनाथ यात्रा आधिकारिक रूप से 3 जुलाई से शुरू होगी, जिसमें श्रद्धालु बालटाल और पहलगाम इन दोनों मार्गों से गुफा की ओर रवाना करेंगे.
सुरक्षा को लेकर क्या-क्या इंतजाम किए जा रहे हैं?
अमरनाथ यात्रा 2025 से पहले, CRPF ने हजारों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पर कड़ी बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी है. पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) प्रहलाद कुमार ने जानकारी दी कि आज आयोजित मॉक ड्रिल का उद्देश्य सुरक्षा बलों के बीच समन्वय की प्रभावशीलता की जांच करना और उनकी प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करना था. यह अभ्यास पूरी तरह सफल रहा.
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से क्या कहा?
जम्मू-कश्मीर के डिप्टी कमिश्नर सचिन कुमार वैश्य ने जानकारी दी है कि, अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. उन्होंने बताया, “सरकार की ओर से आज सरस्वती धाम में टोकन का बांटना शुरू किया जा रहा है. हम श्रद्धालुओं से आग्रह करते हैं कि वो भारी संख्या में आएं. प्रशासन उन्हें हर संभव सुविधा उपलब्ध कराएगा. यात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं”.
आगामी अमरनाथ यात्रा 2025 के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक एहतियाती प्रयास के तहत, कल भारतीय सेना, सीआरपीएफ, जम्मू और कश्मीर पुलिस और जेकेएसडीआरएफ द्वारा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर समरोली, तोल्डी नाला में एक जॉइंट मॉक भूस्खलन अभ्यास आयोजित किया गया.