उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र में कथावाचक मुकुट मणि और संत सिंह के साथ अमानवीय व्यवहार की घटना ने गुरुवार को नया मोड़ ले लिया, जब बकेवर थाने के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप धारण कर लिया. अहीर रेजीमेंट और यादव संगठनों के सैकड़ों लोग कथावाचकों के समर्थन में इकट्ठा हुए और देखते ही देखते मामला झड़प, पथराव और पुलिस की हवाई फायरिंग तक पहुंच गया. तीन घंटे तक चले बवाल के कारण पूरे क्षेत्र में तनाव फैल गया.
कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी और सिर मुंडवाने के मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी थी. वहीं अब इस प्रकरण ने तब नया मोड़ लिया जब परीक्षित बने जयप्रकाश तिवारी ने कथावाचकों पर ही धोखाधड़ी समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करवा दिया. इससे मामला और अधिक पेचीदा व संवेदनशील बन गया है.
प्रदर्शन के दौरान पुलिस से बहस के बाद मामला पथराव और झड़प में बदल गया. हालात बेकाबू होते देख पुलिस की तरफ से दो राउंड हवाई फायरिंग की गई. इस दौरान प्रदर्शनकारी और पुलिस आमने-सामने आ गए, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई.
सपा पर रचा ‘षड्यंत्र’ का आरोप
पुलिस ने इंडियन रिफॉर्म्स ऑर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गगन यादव सहित 20 प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है, जिसमें 19 लोग गिरफ्तार किए गए है और 13 गाड़ियां सीज की गई हैं. जिन वाहनों पर समाजवादी पार्टी के झंडे लगे हुए थे, उसका वीडियो पुलिस ने जारी किया है. इससे राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ गई है.
भाजपा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष शिव महेश दुबे अपने समर्थकों के साथ दांदरपुर गांव पहुंचे और एफआईआर दर्ज कराने वाले ब्राह्मण समाज के जयप्रकाश तिवारी से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि यह पूरी घटना सपा द्वारा रची गई साजिश है और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
‘प्रदर्शन में हमारी कोई भूमिका नहीं’
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य और प्रदेश सचिव गोपाल यादव ने संयुक्त प्रेसवार्ता कर भाजपा के आरोपों को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन में पार्टी का कोई नेता या कार्यकर्ता शामिल नहीं था. पुलिस की लापरवाही के कारण मामला बिगड़ा है. गगन यादव का सपा से कोई लेना देना नहीं है, वह भाजपा का एजेंट है, और भाजपा के इशारे पर यह बवाल हुआ है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए कहा कि घटना के बाद जिले में पुलिस अलर्ट पर है. गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. साथ ही सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ भी निगरानी तेज कर दी गई है. अन्य प्रदर्शनकारियों की तलाश वीडियो फोटो के आधार पर की जा रही है.