नई दिल्ली: दुनिया भर में वैभव सूर्यवंशी के नाम का डंका बज चुका है. आईपीएल में ऐतिहासिक शतक मारकर उन्होंने ये बता दिया कि भारत का भविष्य सुरक्षित हाथों में है. अब एक मैच में उन्हीं के टीममेट हरवंश पंगालिया (Harvansh Pangalia) ने ऐसी पारी खेली कि वैभव सूर्यवंशी की चमक भी फीकी पड़ गई.
दरअसल, जिस वक्त भारत की सीनियर टीम लीड्स में इंग्लैंड से पहले टेस्ट में पांच विकेट से हार गई, तभी युवा भारतीय टीम ने इंग्लैंड में जीत की नई कहानी लिख दी. भारतीय U-19 टीम ने इंग्लैंड यंग लॉयन्स को 231 रन से हराकर दौरे की शुरुआत धमाकेदार अंदाज में की.
फेल रहे आयुष म्हात्रे और वैभव सूर्यवंशी
लफबरो में खेले गए इस वनडे मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर्स में 442 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया. कप्तान आयुष म्हात्रे, जो हाल ही में IPL में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से चर्चा में आए थे, इस मैच में केवल 1 रन पर आउट हो गए. इसी तरह 14 साल के IPL स्टार वैभव सूर्यवंशी भी 17 रन ही बना सके.
हरवंश पंगालिया, गुजरात की रन मशीन
जहां आईपीएल के नामचीन चेहरे फेल हुए, वहीं चमका एक नया सितारा. नाम हरवंश पंगलिया. गांधीधाम, कच्छ से आने वाले 18 वर्षीय विकेटकीपर-बल्लेबाज हरवंश पंगलिया ने ताबड़तोड़ अंदाज में नाबाद 103 रन (52 गेंद, 8 चौके, 9 छक्के) ठोक दिए. उनकी इस पारी ने न सिर्फ स्कोरबोर्ड को भागने पर मजबूर किया, बल्कि इंग्लैंड के गेंदबाजों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया.
52 गेंद में 103 रन की पारी
हरवंश पंगलिया की इस पारी ने दिखा दिया कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य सिर्फ IPL सितारों पर नहीं टिका, बल्कि देश के कोने-कोने में ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी तैयार हो रहे हैं जो किसी भी मंच पर कमाल कर सकते हैं. इंग्लैंड की धरती पर भारत U19 की यह जीत न सिर्फ स्कोर के लिहाज. से बड़ी है, बल्कि आत्मविश्वास और आने वाले कल की कहानी के लिहाज से भी बेहद खास
हरवंश के अलावा भी टीम में कई स्टार
हरवंश पंगालिया के अलावा राहुल कुमार (73 रन), कनिष्क चौहान (79 रन) और आर.एस. अम्बरीश (72 रन) के बल्ले से भी बढ़िया पारी निकली. गेंदबाजी में दीपेश देवेन्द्रन ने 3 विकेट चटकाए. नमन पुष्पक और विहान मल्होत्रा को 2-2 विकेट मिले और इस तरह भारत के 442 रन के जवाब में इंग्लैंड इंग्लैंड यंग लॉयन्स सिर्फ 211 रन पर ही सिमट गई.
ट्रक ड्राइवर हैं हरवंश के पिता
हरवंश की कहानी मैदान के बाहर भी उतनी ही प्रेरणादायक है. नीलकंठ क्रिकेट अकादमी में कोच नकुल अयाची की देखरेख में तैयार हुए हरवंश का परिवार अब कनाडा के ब्रैम्पटन में बस चुका है, जहां उनके पिता ट्रक ड्राइवर हैं. मगर बेटे का सपना टीम इंडिया की नीली जर्सी पहनना है और वो उस रास्ते पर बड़ी मजबूती से चल पड़े हैं.