ऋषभ पंत ने लीड्स टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाकर इतिहास तो रचा. मगर उस इतिहास को रचने के दौरान उनसे एक गलती भी हुई, जिसके चलते उन्हें डांट खानी पड़ी. ऋषभ पंत को डांट-फटकार ICC के को़ड ऑफ कंडक्ट को तोड़ने के लिए लगाई गई है. पंत को लेवल 1 के तहत दोषी पाया गया, जिसके बाद मैच रेफरी ने उन्हें फटकार कर छोड़ दिया. मतलब उन पर और कोई कार्रवाई नहीं हुई. ICC की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया कि पंत को आर्टिकल 2.8 के तहत दोषी पाया गया है, जो कि इंटरनेशनल मैचों में अंपायर के फैसले के खिलाफ विरोध या आपत्ति जताने से जुड़ा है. इस कोड ऑफ कंडक्ट को तोड़ने के लिए पंत के खाते में 1 डिमेरिट अंक भी जोड़ा गया है.
पंत से कब हुई गलती, जिसके लिए पड़ी डांट?
अब सवाल है कि पंत से वो गलती हुई कब, जिसके लिए ऋषभ पंत को डांटा-फटकारा गया. ये मामला लीड्स टेस्ट में तीसरे दिन के खेल का है. इंग्लैंड की पहली इनिंग के 61वें ओवर के दौरान अंपायर ने बॉल की शेप को जांचने और परखने के बाद उसे बदलने से मना कर दिया. इस पर पंत ने अंपायर के सामने गेंद को जमीन पर पटककर अपना विरोध जताया था, जिसके लिए उन्हें फटकार लगी है.
मैच रेफरी के सामने पंत ने मानी गलती
ICC की प्रेस रिलीज के मुताबिक ऋषभ पंत ने उस मामले में अपनी गलती मैच रेफरी रिची रिचर्डसन के सामने मान ली है, जिसके बाद उस मामले में आगे कोई सुनवाई की जरूरत नहीं रह गई. पंत के विरोध को लेकर मैच रेफरी से उनकी शिकायत ऑन फील्ड अंपायर्स पॉल राइफल और क्रिस जाफने ने की थी. उनके अलावा थर्ड अंपायर शर्फुदौला और फोर्थ अंपायर माइक बर्न्स ने भी आरोप लगाया था.
लेवन 1 के तहत दोषी पाए जाने वाले खिलाड़ियों के लिए कम से कम सजा फटकार की होती है. जबकि ज्यादा से ज्यादा सजा उनके मैच फीस में 50 फीसद कटौती करने और एक या दो डिमेरिट पॉइंट जोड़ने की होती है.