पहलगाम आतंकी हमले के 2 महीनों बाद एनआईए को जांच में बड़ी कामयाबी मिली है, जिसके बाद एनआईए ने ये क्लियर कर दिया है कि विदेशी आतंकियों का ही नहीं बल्कि स्थानीय लोगों का भी हाथ था. बीती दिन एनआईए ने पहलगाम के रहने वाले आतंकियों के दो मददगारों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने हमले से पहले तीन पाकिस्तानी आतंकियों के लिए खाने, रहने की जगह की व्यवस्था की थी. इसके अलावा, रैकी में मदद भी की थी.
NIA की जांच के बाद ये साफ जाहिर हो गया कि पहलगाम नरसंहार में विदेशी आतंकियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों का भी हाथ था. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में परवेज अहमद और बशीर अहमद को आज NIA कोर्ट में पेश किया गया. इन दोनों को NIA कोर्ट में लाया गया है. एनआईए ने बताया, इन दोनों लोगों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया है.
अब तक गिरफ्तारी से दूर हैं हमले के आतंकी
22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकियों ने पहलगाम में 26 निर्दोष टूरिस्टों की निर्मम हत्या कर दी थी और 16 अन्य लोगों को गंभीर रूप सो घायल कर दिया था. इस हमले में धार्मिक पहचान को आधार बानाकर चुन-चुनकर हत्याएं की गईं थीं. पकड़े गए 2 स्थानीय लोगों से पूछताछ के ज़रिए एनआईए आतंकी हमले के उन दोषियों तक पहुंच सकती है, जो अभी तक गिरफ्त में नहीं आए हैं. इस हमले के दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर जांच ऐजंसियों की जांच जारी है. जांच एजेंसियों ने हमले के बाद संदिग्धों के स्कैच भी जारी किए थे. आतंकवादियों पर ईनाम की राशि भी घोषित की गई. इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की, जिसमें पाकिस्तान में आतंकवादी कैंपों कोनिशाना बनाया गया. एनआईए की आगे की जांच जारी है.