New Delhi: 2026 तक पूरी होंगी 6 पिनाका रेजीमेंट, भारत की रॉकेट आर्टिलरी को नई धार, रूस के GRAD सिस्टम का युग खत्म!

New Delhi: 2026 तक पूरी होंगी 6 पिनाका रेजीमेंट, भारत की रॉकेट आर्टिलरी को नई धार, रूस के GRAD सिस्टम का युग खत्म!

भारतीय सेना अगले साल यानी 2026 तक छह अतिरिक्त पिनाका मल्टी-बैरेल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) रेजीमेंट्स को पूरी तरह शामिल कर लेगी. इनमें से दो रेजीमेंट पहले ही सेवा में हैं और दो अन्य रेजीमेंट की प्रक्रिया जारी है. इन आधुनिक रॉकेट सिस्टम्स के जुड़ने से भारतीय सेना की तोपखाना शक्ति में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी, खासकर उन सीमाओं पर जो चीन और पाकिस्तान से लगती हैं.

दरअसल, जून 2020 में भारत-चीन की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के कुछ महीनों बाद ही रक्षा मंत्रालय ने अगस्त 2020 में BEML, टाटा पावर और एलएंडटी के साथ 2,580 करोड़ रुपये का एग्रीमेंट किया था. इस एग्रीमेंट के तहत छह अतिरिक्त पिनाका रेजीमेंट्स की आपूर्ति तय हुई थी.

पिनाका रेजीमेंट्स के लिए रक्षा मंत्रालय का सौदा

रक्षा सूत्रों के अनुसार, छह में से दो रेजीमेंट्स को तैनात कर दिया गया है. दो और रेजीमेंट्स के लिए उपकरण मिल चुके हैं. बताया जा रहा है कि सैनिकों की ट्रेनिंग जल्द शुरू होगी. बाकी दो रेजीमेंट्स के लॉन्चर सिस्टम्स को इस साल के अंत तक या 2026 की शुरुआत तक मिल जाने की उम्मीद है.

पिनाका क्या है? इसकी ताकत क्या है?

तोपखाने में एक यूनिट को रेजीमेंट कहा जाता है. एक पिनाका रेजीमेंट में तीन बैटरियां होती हैं और हर बैटरी में छह लॉन्चर होते हैं. बताया जाता है कि हर एक पिनाका लॉन्चर 12 रॉकेट सिर्फ 44 सेकंड में दाग सकता है, जिससे लगभग 1.5 किमी से अधिक के क्षेत्र में दुश्मन के ठिकानों को तबाह किया जा सकता है. इसके अलावा पिनाका एक्सटेंडेड रेंज (ER) रॉकेट 75 किमी तक की दूरी पर सटीक निशाना साध सकते हैं. बताया जा रहा है कि पूरी तरह शामिल होने के बाद पिनाका सिस्टम में 114 लॉन्चर, 45 कमांड पोस्ट और 330 वाहन होंगे.

DRDO द्वारा विकसित यह स्वदेशी प्रणाली पुराने रूसी GRAD BM-21 सिस्टम को हटाकर भारत के रॉकेट आर्टिलरी का मुख्य हथियार बन रही है. भविष्य में सेना 22 पिनाका रेजीमेंट्स चाहती है, जिनमें ऑटोमैटिक गन-एमिंग, पोजिशनिंग सिस्टम और आधुनिक कमांड पोस्ट शामिल होंगी.

पिनाका की खासियत

इस पिनाका रेजीमेंट की खासियत यह है कि यह 44 सेकंड में 12 रॉकेट फायर करने की क्षमता रखती है. इसके अलावा यह पुराने सोवियत ग्रेड सिस्टम को बदलने वाला मुख्य हथियार है. इस रेजीमेंट को आधुनिकीकरण और निर्यात क्षमता के साथ अपडेट किया जा रहा है.

2023 में रक्षा मंत्रालय ने 2,800 करोड़ रुपये में 6,400 पिनाका रॉकेट की खरीद को मंजूरी दी थी. फरवरी 2025 में मंत्रालय ने 10,147 करोड़ रुपये के ठेके पर हस्ताक्षर किए, जिनमें 45 किमी रेंज की हाई-एक्सप्लोसिव गोला-बारूद और 37 किमी तक की एरिया-डिनायल म्यूनिशन शामिल हैं.

वर्तमान में सेना के पास 5 रेजीमेंट GRAD BM-21 (रूसी प्रणाली), 3 रेजीमेंट SMERCH रॉकेट सिस्टम और अब 6 अतिरिक्त पिनाका रेजीमेंट्स के जुड़ने से भारत की आर्टिलरी में एक अलग ही ताकत आ जाएगी.

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