New Delhi: हैकर्स ने किया इस साइट पर अटैक, चुरा लिया 84 लाख लोगों का ये जरूरी डेटा

New Delhi: हैकर्स ने किया इस साइट पर अटैक, चुरा लिया 84 लाख लोगों का ये जरूरी डेटा

ऐसा नहीं है कि केवल आप लोग ही हैकर्स के निशाने पर रहते हैं, हैकर्स का टारगेट कोई भी हो सकता है. अब हाल ही में इस बात का पता चला है कि कार शेयरिंग प्लेटफॉर्म ZoomCar पर साइबर अटैक हुआ है और इस बात की पुष्टि खुद कंपनी ने की है. जूमकार ने यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को इस बात की जानकारी दी है कि हैकर्स ने कंपनी के इंफॉर्मेशन सिस्टम को एक्सेस कर पर्सनल डेटा को चुरा लिया है. कौन-कौन सी डिटेल्स हुई चोरी? यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को दी जानकारी के अनुसार, इस साइबर अटैक में कम से कम 84 लाख लोगों का डेटा चोरी हुआ है. कंपनी ने बताया कि कुछ कर्मचारियों को ईमेल मिला जिसमें हैकर की ओर से डेटा एक्सेस का दावा किया गया है. डेटा ब्रीच में चुराए गए व्यक्तिगत डेटा में लोगों के नाम, फोन नंबर और कार रजिस्ट्रेशन संख्या शामिल है. लेकिन कंपनी ने इस बात का दावा किया है कि पासवर्ड और फाइनेंशियल जैसी संवेदनशील जानकारी लीक का कोई सबूत नहीं मिला है. ज़ूमकार ने फाइलिंग में कहा, डेटा ब्रीच का पता चलने पर तुरंत इंसिडेंट रिस्पॉन्स प्लान को बिना देर किए एक्टिवेट किया गया. डेटा ब्रीच के बाद अब कंपनी ने इंटरनल नेटवर्क और क्लाउड की सिक्योरिटी को पहले से भी ज्यादा मजबूत कर दिया है, साथ ही सिस्टम की निगरानी को भी बढ़ा दिया है. कंपनी इस मामले में जांच के लिए थर्ड पार्टी साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स से भी संपर्क कर रही है. फिलहाल ये बात साफ नहीं है कि कंपनी ने प्रभावित हुए यूजर्स को इस बात की जानकारी दी है या फिर नहीं. जूमकार ने यह भी कहा कि डेटा उल्लंघन से कंपनी के ऑपरेशन पर कोई असर नहीं पड़ा है. क्या है ZoomCar? ज़ूमकार की शुरुआत 2013 में हुई, इस प्लेटफॉर्म के जरिए लोग मंथली, वीकली, डेली और प्रति घंटे के हिसाब से गाड़ी को किराए पर ले सकते हैं. 2023 में कंपनी का इनोवेटिव इंटरनेशनल एक्विजिशन कॉर्प नामक अमेरिकी ब्लैंक-चेक फ़र्म के साथ विलय हो गया और यह डेलावेयर में रजिस्टर्ड यूएस लिस्टिड पब्लिक कंपनी बन गई. यही वजह है कि जूमकार को SEC वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों के अनुपालन में डेटा ब्रीच की जानकारी को रिपोर्ट करना पड़ा है.

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