Big Boss की तरह G-7 में छा गये मोदी, भाषण पर तालियां बजाते रहे वैश्विक नेता, India-Canada Relations में आया बड़ा सुधार

Big Boss की तरह G-7 में छा गये मोदी, भाषण पर तालियां बजाते रहे वैश्विक नेता, India-Canada Relations में आया बड़ा सुधार

एक दशक में अपनी पहली कनाडा यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक नेताओं का तो दिल जीता ही साथ ही खालिस्तान समर्थक उन तत्वों को भी कनाडा की धरती से करारा जवाब दिया जो वहां से भारत विरोधी गतिविधियां चलाते हैं। वैश्विक संघर्षों से जूझते विश्व और तमाम चुनौतियों का सामना कर रही दुनिया के समक्ष प्रधानमंत्री मोदी ने जो हल सुझाये हैं वह सभी को भाये। इसके अलावा जिस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर मुलाकात नहीं हो पाने के लिए अफसोस जताया और जिस तरह जी-7 देशों के अन्य राष्ट्राध्यक्षों की प्रधानमंत्री मोदी के साथ सार्थक मुलाकातें हुईं वह दर्शा रही हैं कि भारत अब विश्व का नेतृत्वकर्ता बनने की ओर अग्रसर है। जी-7 शिखर सम्मेलन में भले विकसित देशों के कई मुद्दों का हल नहीं निकला हो लेकिन भारत ने जिस तरह विकासशील देशों खासकर ग्लोबल साउथ के देशों की समस्याएं इस मंच से उठा कर उनके हल जल्द से जल्द निकालने के प्रति दुनिया का ध्यान आकर्षित करने में कामयाबी हासिल की वह प्रधानमंत्री मोदी की बहुत बड़ी उपलब्धि है। यही नहीं, भारत और कनाडा के संबंधों में आया सुधार भी दर्शा रहा है कि वहां के पूर्व के शासन के दौरान की कड़वाहट को भुला कर दोनों देश अब आगे बढ़ रहे हैं। भारत-कनाडा संबंध हम आपको बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय मुलाकात के बाद कहा है कि जी7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार व गतिशीलता और भारत की नेतृत्व वाली स्थिति का प्रतिबिंब है। जी7 नेताओं के शिखर सम्मेलन के समापन पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कार्नी ने कहा, जी7 में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति की जहां तक बात है, तो प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 से हर जी7 में भाग लिया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार, भारतीय अर्थव्यवस्था की गतिशीलता, भारतीय प्रौद्योगिकी, जी20 और उससे आगे के कई स्थानों पर भारत की नेतृत्व वाली स्थिति का प्रतिबिंब है। कार्नी ने कहा, इसलिए जी7 के अध्यक्ष के रूप में, उस संदर्भ में प्रधानमंत्री की मेजबानी करना पूरी तरह से स्वाभाविक, पूरी तरह से सुसंगत है। मुझे पूरी उम्मीद है कि भारत के प्रधानमंत्री, अगले साल जी7 में उपस्थित रहेंगे। कार्नी ने मोदी के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक को "महत्वपूर्ण" बताया। उन्होंने कहा कि दोनों नेता फिर से उच्चायुक्तों की नियुक्ति की दिशा में आगे बढ़ेंगे। कार्नी ने कहा, “आपको (मोदी को) यहां देखकर मुझे बहुत खुशी हुई। मैं आपके यहां आने से बेहद खुश हूं।” वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत और कनाडा के बीच संबंध ‘बेहद महत्वपूर्ण’ हैं तथा दोनों देशों को विभिन्न क्षेत्रों में मिलकर काम करना चाहिए ताकि नयी दिल्ली और ओटावा दोनों लाभान्वित हो। हम आपको बता दें कि कार्नी के मई 2025 में पदभार ग्रहण करने के बाद से दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात थी। मोदी ने कार्नी को चुनाव में ‘शानदार जीत’ के लिए बधाई देते हुए कहा, “मुझे यकीन है कि आपके नेतृत्व में हम सकारात्मक तरीके से मिलकर काम कर पाएंगे और भारत-कनाडा संबंधों को आगे ले जा पाएंगे।” मोदी ने द्विपक्षीय बैठक से पहले अपने संबोधन में कहा, “मेरा मानना है कि भारत-कनाडा संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं और दोनों देशों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि कई क्षेत्रों में दोनों पक्षों को लाभकारी सहयोग हासिल हो।” उन्होंने कहा कि कनाडाई कंपनियों ने भारत में बड़े पैमाने पर निवेश किया है और भारतीय लोगों ने भी कनाडा में काफी निवेश किया है। मोदी ने कहा, “हम दोनों (भारत और कनाडा) लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खड़े हैं। हम साथ मिलकर लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत कर सकते हैं, मानवता को मजबूत कर सकते हैं।” उन्होंने कहा, “अगर दोनों देश मिलकर काम करें और अपने सभी संसाधनों का बेहतर उपयोग करें, तो हम पूरी मानवता के कल्याण के लिए काम कर सकते हैं।” मोदी ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि हम यह कार्य करने में सक्षम होंगे।” हम आपको यह भी बता दें कि मोदी, जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कार्नी के निमंत्रण पर कनाडा पहुंचे थे। बैठक के बाद मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ बैठक शानदार रही। जी7 शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी के लिए उन्हें और कनाडा सरकार को बधाई।” उन्होंने कहा, “भारत और कनाडा लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानूनी शासन में दृढ़ विश्वास से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री कार्नी और मैं भारत-कनाडा मैत्री को गति देने के लिए मिलकर काम करने को तत्पर हैं। व्यापार, ऊर्जा, अंतरिक्ष, स्वच्छ ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिज, उर्वरक और अन्य जैसे क्षेत्र इस संबंध में अपार संभावनाएं प्रदान करते हैं।” विदेश सचिव विक्रम मिसरी का बयान इस बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत और कनाडा ने जल्द ही एक-दूसरे की राजधानियों में उच्चायुक्तों को बहाल करने पर सहमति जताई है और यह फैसला ‘बेहद महत्वपूर्ण रिश्ते’ में स्थिरता बहाल करने की दिशा में एक ‘ठोस कदम’ है। मिसरी ने एक वीडियो बयान में कहा, “बैठक में साझा मूल्यों, लोकतंत्र व कानून के शासन, दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क और कई अन्य समानताओं पर आधारित भारत-कनाडा संबंधों के महत्व पर चर्चा हुई।” उन्होंने कहा, 'दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने इस ‘बेहद महत्वपूर्ण रिश्ते’ में स्थिरता बहाल करने के लिए ‘ठोस कदम’ उठाने पर सहमति जताई और इस दिशा में पहली बात, जिस पर सहमति बनी, वह थी एक-दूसरे की राजधानियों में जल्द से जल्द उच्चायुक्तों को बहाल करना। इसके बाद अन्य कूटनीतिक कदम उठाए जाएंगे।” विदेश सचिव ने कहा कि भारत और कनाडा के प्रधानमंत्रियों ने समय के साथ व्यापार, दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क और कनेक्टिविटी से संबंधित कई क्षेत्रों में वरिष्ठ व कार्यकारी स्तर के कार्य प्रणाली तंत्र और चर्चाओं को फिर से शुरू करने पर भी सहमति जताई, जिसका उद्देश्य संबंधों को और अधिक गति प्रदान करना है। हम आपको याद दिला दें कि भारत ने पिछले वर्ष ओटावा से अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था। कनाडा ने उन्हें खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जोड़ने का प्रयास किया था। भारत ने इतनी ही संख्या में कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित भी कर दिया था। मिसरी ने कहा, “दोनों देशों के बीच वर्तमान में रुकी हुई व्यापार वार्ता के मद्देनजर दोनों नेताओं ने अपने अधिकारियों को इसे जल्द से जल्द शुरू करने का निर्देश देने का भी फैसला किया।” साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों नेता संपर्क में रहने और जल्द से जल्द एक बार फिर मिलने पर सहमत हुए। वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, कार्नी और मोदी ने आपसी सम्मान, कानूनी शासन, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्धता के आधार पर कनाडा-भारत संबंधों के महत्व की पुष्टि की। बयान में बताया गया, “नेताओं ने दोनों देशों में नागरिकों और व्यवसायों को नियमित सेवाएं फिर से देने के उद्देश्य से नए उच्चायुक्तों को नामित करने पर सहमति व्यक्त की।” बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं ने लोगों के बीच मजबूत व ऐतिहासिक संबंधों, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझेदारी और कनाडा व भारत के बीच आर्थिक विकास, आपूर्ति शृंखला व ऊर्जा परिवर्तन में साझेदारी सहित महत्वपूर्ण वाणिज्यिक संबंधों पर भी चर्चा की। बयान में बताया गया कि कार्नी ने अंतरराष्ट्रीय अपराध व दमन, सुरक्षा व नियम-आधारित व्यवस्था सहित जी7 एजेंडे में अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं। बयान के मुताबिक, नेताओं ने प्रौद्योगिकी, डिजिटल परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत बनाने के अवसरों पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी का जी-7 शिखर सम्मेलन में भाषण जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की बात करें तो आपको बता दें कि उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख की पुष्टि करते हुए जी-7 समूह के नेताओं से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई को तेज करने का आग्रह किया और इसे ‘‘बढ़ावा एवं समर्थन’’ देने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। हम आपको बता दें कि ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (जी-7) दुनिया की सात उन्नत अर्थव्यवस्थाओं- फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा तथा यूरोपीय संघ का एक अनौपचारिक समूह है। इसके सदस्य वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हर साल जी-7 शिखर सम्मेलन में मिलते हैं। प्रधानमंत्री ने कनाडा में ‘जी7 संपर्क सत्र’ में अपने संबोधन के दौरान इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए हमारी सोच और नीति स्पष्ट होनी चाहिए - अगर कोई देश आतंकवाद का समर्थन करता है तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।’’ मोदी ने कहा, ‘‘एक तरफ हम अपनी प्राथमिकता के आधार पर हर तरह के प्रतिबंध लगाने में जल्दबाजी करते हैं। दूसरी तरफ, जो देश खुले तौर पर आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उन्हें पुरस्कृत किया जाता है।’’ प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान ‘ग्लोबल साउथ’ की चिंताओं और प्राथमिकताओं पर ध्यान दिए जाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज को वैश्विक मंच पर पहुंचाना अपनी जिम्मेदारी समझता है। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जी-7 देशों के नेताओं के साथ प्रमुख वैश्विक चुनौतियों पर ‘‘सार्थक’’ विचार-विमर्श किया तथा ग्रह को बेहतर बनाने को लेकर आकांक्षाएं साझा कीं। मोदी ने सात देशों के समूह के नेताओं और जी7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित नेताओं के साथ एक तस्वीर ‘एक्स’ पर साझा की। उन्होंने लिखा, ‘‘वैश्विक प्रगति के लिए एक साथ! प्रमुख वैश्विक चुनौतियों और बेहतर ग्रह के लिए साझा आकांक्षाओं पर जी7 नेताओं के साथ सार्थक विचार विमर्श हुआ। ’’ प्रधानमंत्री मोदी की अन्य राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकातें प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय मुलाकातों के बारे में बात करें तो आपको बता दें कि उन्होंने जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर अपने वैश्विक समकक्षों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें कीं जिनमें व्यापार, निवेश, आतंकवाद के खिलाफ कदमों और वैश्विक चुनौतियों जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। मोदी ने कहा कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्यांग के साथ उनकी ‘‘बहुत अच्छी बैठक’’ हुई और दोनों देश वाणिज्य, निवेश, प्रौद्योगिकी, हरित हाइड्रोजन, पोत निर्माण आदि क्षेत्रों में मिलकर काम करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत-कोरिया गणराज्य के संबंधों को बढ़ावा देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति ली जे-म्यांग ने कनाडा के कनैनिस्किस में जी7 शिखर सम्मेलन के इतर एक सार्थक बैठक की। वे व्यापार एवं वाणिज्य, निवेश, प्रौद्योगिकी, हरित हाइड्रोजन और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए।’’ मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन के इतर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी मुलाकात की और कहा कि ‘‘अपने मित्र के साथ बातचीत कर हमेशा की तरह खुशी हुई और हमने’’ कई मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘भारत और फ्रांस इस धरती की बेहतरी के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।’’ उन्होंने जी7 शिखर सम्मेलन के इतर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर से भी बातचीत की। मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर के साथ एक बेहतरीन बातचीत हुई। भारत और ब्रिटेन के संबंध मजबूत हो रहे हैं, जो व्यापार और वाणिज्य जैसे क्षेत्रों में हमारे द्वारा की गई प्रगति में नजर आता है। हम इस अद्भुत मित्रता को और भी अधिक गति देने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।’’ मोदी ने इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से भी मुलाकात की। मेलोनी ने कहा कि इटली और भारत एक महान मित्रता से जुड़े हुए हैं। मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं। इटली के साथ भारत की मित्रता और मजबूत होती रहेगी जिससे हमारे लोगों को बहुत लाभ होगा।’’ मोदी ने मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम पार्डो से मुलाकात की और ‘ग्लोबल साउथ’ की प्राथमिकताओं सहित प्रमुख वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर दृष्टिकोण साझा किए। दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक थी। मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम के साथ बहुत अच्छी बैठक हुई। मैंने उन्हें ऐतिहासिक चुनावी जीत पर व्यक्तिगत रूप से बधाई दी। शिनबाम दो शताब्दियों में मेक्सिको की पहली महिला राष्ट्रपति बनी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों खासकर कृषि, अर्धचालकों, महत्वपूर्ण खनिज, स्वास्थ्य सेवा और अन्य क्षेत्रों में भारत-मेक्सिको के संबंधों में भविष्य में अपार संभावनाएं देखते हैं। हमने लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर भी बात की।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से भी मुलाकात की और व्यापार एवं निवेश, रक्षा, हरित ऊर्जा एवं प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। चांसलर मर्ज के मई 2025 में पदभार ग्रहण करने के बाद यह दोनों नेताओं की पहली मुलाकात थी। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के साथ एकजुटता की जर्मनी की मजबूत अभिव्यक्ति और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के कदमों के प्रति समर्थन जताने के लिए चांसलर मर्ज को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज से भी मुलाकात की। मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान ऑस्ट्रेलिया के अपने मित्र प्रधानमंत्री अल्बनीज से मिलकर अच्छा लगा।’’ मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ भी ‘‘गहन विचार-विमर्श’’ किया। मोदी ने ‘एक्स’’ पर कहा, ‘‘भारत एवं जापान विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ इसके अलावा, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ अपनी बातचीत की एक तस्वीर ‘एक्स’ पर साझा करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें रामफोसा से बात करके खुशी हुई। उन्होंने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा से भी मुलाकात की। मोदी ने ‘एक्स’ पर रामाफोसा और लूला के साथ अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘‘दो प्रिय मित्रों-दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला के साथ शानदार बातचीत। हम ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए अहम मुद्दों पर बात करने की अपनी प्रतिबद्धता को लेकर अडिग हैं। हम भावी पीढ़ियों की खातिर बेहतर कल बनाने के लिए जो कुछ भी करना होगा, करने के लिए समान रूप से दृढ़ हैं।’’ मोदी ने यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ भी ‘‘सार्थक’’ चर्चाएं कीं और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा के साथ ‘‘उपयोगी’’ बातचीत की। प्रधानमंत्री क्रोएशिया रवाना इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कनाडा की अपनी ‘‘सार्थक’’ यात्रा के बाद क्रोएशिया रवाना हो गए, जो तीन देशों की उनकी यात्रा का तीसरा और अंतिम पड़ाव है। मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कनाडा की सार्थक यात्रा समाप्त हुई। सफल जी7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए कनाडा के लोगों और सरकार को धन्यवाद। इस सम्मेलन के दौरान विविध वैश्विक मुद्दों पर उपयोगी चर्चा हुई। हम वैश्विक शांति, समृद्धि और स्थिरता को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

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