कर्नाटक भाजपा ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ में हुई मौतों के लिए फ्रीडम पार्क में शोक सभा आयोजित की और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के इस्तीफे की मांग की। पुलिस ने फ्रीडम पार्क में चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ में हुई मौतों पर शोक सभा और विरोध प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। कर्नाटक विधान परिषद के नेता और भाजपा एमएलसी चालावाडी नारायणस्वामी ने कहा कि आरसीबी ने (आईपीएल) मैच जीता और लोग इसका आनंद ले रहे थे। लेकिन सरकार का इससे क्या लेना-देना था?...उन्होंने लोगों को जश्न मनाने के लिए बुलाया। विधान सौधा कोई खेल का मैदान नहीं है, इसे चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास होना चाहिए था। भाजपा नेता ने कहा कि श्रेय लेने के लिए इस सरकार ने गड़बड़ी की और 11 लोग मारे गए, फिर भी सरकार ने अपनी गलती नहीं मानी। हम उन्हें सबक सिखाना चाहते हैं। सीएम और डिप्टी सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा...कांग्रेस, भाजपा नहीं, लाशों की राजनीति कर रही है...विपक्ष में होने के नाते सवाल पूछना हमारा अधिकार है। कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य विधानमंडल का तीन दिवसीय आपातकालीन सत्र बुलाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य त्रासदी के कारणों और सार्वजनिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने की तत्काल आवश्यकता पर विस्तृत चर्चा करना है। अपने पत्र में अशोक ने भीड़ नियंत्रण में चूक और प्रशासन द्वारा स्थिति को कथित रूप से ठीक से न संभाल पाने पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा, "घटना के बाद सरकार की कार्रवाई को लेकर लोगों में चिंता और अविश्वास बढ़ रहा है। पारदर्शिता के बजाय, हम प्रभावशाली लोगों को बचाने और निचले स्तर के अधिकारियों को बलि का बकरा बनाने के प्रयास देख रहे हैं।" अशोक ने भगदड़ की घटना की कई बार जांच किए जाने की भी आलोचना की तथा कहा कि यह जवाबदेही को धुंधला करने तथा जनता को भ्रमित करने की रणनीति है।
भाजपा का कांग्रेस सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार का मांगा इस्तीफा



