भारत में ग्राहकों के बीच Apple की दीवानगी का असर कंपनी की ग्रोथ पर देखने को मिलेगा. इस साल की दूसरी तिमाही में भारत में एपल की मजबूत डबल डिजिट ग्रोथ की वृद्धि होने की उम्मीद है. अब तो आलम कुछ यूं है कि रिटेल भी आईफोन बेचने पर फोकस कर रहे हैं. IDC डेटा के हवाले से मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में बताया गया है कि एपल ने पहली तिमाही में 3 मिलियन (लगभग 30 लाख) आईफोन की शिपमेंट की थी और अब दूसरी तिमाही में कंपनी की शिपमेंट पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 20 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 2.8 मिलियन यूनिट होने की उम्मीद है. अगर ऐसा हुआ तो भारत में टॉप 5 स्मार्टफोन ब्रैंड्स में कंपनी की रैंकिंग मजबूत होगी. iPhone निर्माताओं का शानदार प्रदर्शन ऐसे समय में जारी है जब स्मार्टफोन बाजार में दूसरी तिमाही में शिपमेंट में 3 से 4 प्रतिशत की गिरावट आने की उम्मीद है. पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी ने 33 से 34 मिलियन यूनिट की शिपमेंट की थी. रिटेलर का आईफोन बेचने पर फोकस ब्रैंड्स बिक्री बढ़ाने के लिए डिस्काउंट पर फोकस कर रहे हैं और इस रणनीति को सपोर्ट करने के लिए ऑफलाइन रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर के संपर्क में हैं. अधिकांश रिटेलर अब iPhone बेचने पर फोकस कर रहे हैं क्योंकि एपल कंपनी की ओर से बेहतर मार्जिन मिलता है और मार्केट में आईफोन की डिमांड भी मजबूत बनी हुई है. स्मार्टफोन शिपमेंट में गिरावट की वजह? प्रमुख क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी की वजह से रिटेल स्टोर में लोगों की आवाजाही कम होने और मौसमी मंदी गिरावट के दो बड़े कारण हैं. आईडीसी की रिसर्च मैनेजर उपासना जोशी ने मनीकंट्रोल से बातचीत के दौरान बताया कि त्योहारी तिमाही में कुछ सुधार हो सकता है, लेकिन साल-दर-साल वृद्धि के लिए मौजूदा दृष्टिकोण नकारात्मक बना हुआ है. किस वजह से डिमांड है मजबूत? उपासना जोशी ने बताया कि आईफोन में 20 प्रतिशत से अधिक की मजबूत डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद है जिसमें दूसरी तिमाही में 2.8 मिलियन से अधिक शिपमेंट होंगे. वहीं, दूसरी ओर एंड्रॉयड शिपमेंट में सालाना आधार पर 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट जारी रहेगी.डिस्काउंट रेट और आईफोन के साथ मिल रहे शानदार फाइनेंस ऑप्शन्स की वजह से मार्केट में आईफोन की डिमांड मजबूत बनी हुई है. कुल मिलाकर पहली तिमाही में 32 मिलियन यूनिट्स के साथ शिपमेंट में साल दर साल के हिसाब से 6 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली जबकि अप्रैल में 12 मिलियन यूनिट की बिक्री के साथ कुछ सुधार हुआ. बिक्री में सुधार के पीछे की वजह मार्च और अप्रैल में अलग-अलग प्राइस रेंज में लॉन्च हुए स्मार्टफोन्स हैं. भारत में टॉप स्मार्टफोन ब्रैंड्स में से एपल और मोटोरोला ने साल-दर-साल के हिसाब से सबसे ज्यादा ग्रोथ की है.आईडीसी को उम्मीद है कि सैमसंग, वीवो, रियलमी, ओप्पो, एपल, मोटोरोला, पोको और शाओमी की रैंकिंग में मार्च तिमाही से कोई बदलाव नहीं हुआ है.स्मार्टफोन ब्रैंड्स रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर के साथ मिलकर ऑफलाइन मार्केट में पकड़ को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. ऑनलाइन बिक्री का कैसा है हाल? ऑनलाइन शिपमेंट में संघर्ष जारी है, उपासना जोशी ने कहा कि 2025 में बाजार में सालाना आधार पर मिड सिंगल डिजिट की गिरावट आने की उम्मीद है. पिछले साल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की शिपमेंट में 49 फीसदी की गिरावट आई और इस साल ये आंकड़ा 42 से 44 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद है.दूसरी ओर, ऑफलाइन चैनल शिपमेंट में सालाना आधार पर सिंगल डिजिट की वृद्धि दिखने की उम्मीद है क्योंकि ब्रैंड्स ओमनीचैनल दृष्टिकोण के जरिए छोटे शहरों और कस्बों में अपनी पहुंच को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. भारत में स्मार्टफोन शिपमेंट 2025 में 145-147 मिलियन यूनिट के बीच गिरने का अनुमान है, जो 2024 में 151 मिलियन से 3-4 प्रतिशत कम है. ये साल-दर-साल की सिंगल डिजिट की गिरावट को दर्शाता है. काउंटरपॉइंट रिसर्च ने हाल ही में अमेरिकी टैरिफ के आसपास नए सिरे से अनिश्चितताओं के मद्देनजर अपने 2025 के वैश्विक स्मार्टफोन शिपमेंट ग्रोथ पूर्वानुमान को पिछले 4.2 प्रतिशत साल दर साल से घटाकर 1.9 प्रतिशत साल दर साल कर दिया.
ग्राहक ही नहीं रिटेलर्स भी Apple पर फिदा, बढ़ रही है iPhone की डिमांड



