राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त करने का श्रेय लेने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अपनी पिछली ब्रीफिंग में मैंने इस मुद्दे पर बात की थी। मेरे पास कहने के लिए और कुछ नहीं है। आप हमारी स्थिति से भली-भांति परिचित हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच कोई भी संबंध द्विपक्षीय होना चाहिए। साथ ही, मैं आपको याद दिलाना चाहूंगा कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। आतंकवाद के मामले में, हम उन कुख्यात आतंकवादियों को भारत को सौंपने पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं जिनकी सूची कुछ साल पहले पाकिस्तान को दी गई थी। मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि जम्मू-कश्मीर पर कोई भी द्विपक्षीय चर्चा केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करने पर होगी। सिंधु जल संधि पर, यह तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता। जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष समाप्त करने को लेकर सहमति दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी है। जयशंकर ने यह बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे की पृष्ठभूमि में कही है कि वाशिंगटन ने सहमति बनाने में भूमिका निभाई थी। जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत भविष्य में पहलगाम जैसे किसी भी आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान में आतंकवादियों पर फिर से हमला करेगा। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि ऑपरेशन सिंदूर समाप्त नहीं हुआ है। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब मेंऑपरेशन सिंदूर के तहत छह और सात मई की दरम्यानी रात आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। भारतीय कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। पाकिस्तानी प्रयासों का भारतीय पक्ष ने कड़ाई से जवाब दिया। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 10 मई को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान भूमि, वायु और समुद्र पर सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमत हो गए हैं। जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि टकराव समाप्त करने की व्यवस्था पर भारत और पाकिस्तान दोनों ने मुहर लगाई।
कैसे खत्म हुआ भारत-पाक संघर्ष? ट्रंप के दावों पर आया विदेश मंत्रालय का बयान



