चीन के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमारे एनएसए और चीनी विदेश मंत्री और सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि वांग यी ने 10 मई 2025 को एक-दूसरे से बात की थी, जब एनएसए ने पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख से अवगत कराया था। चीनी पक्ष अच्छी तरह से जानता है कि आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता भारत-चीन संबंधों का आधार बने हुए हैं। गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ जगहों पर आतंकवादियों और आतंकवादी ढांचे पर लक्षित हमलों के तुरंत बाद, एनएसए अजीत डोभाल ने कई देशों के अपने समकक्षों से बात की थी। एनएसए डोभाल ने अपने समकक्षों को की गई कार्रवाई और निष्पादन के तरीके के बारे में जानकारी दी, जो कि मापा हुआ, गैर-बढ़ाने वाला और संयमित था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का इरादा तनाव बढ़ाने का नहीं है, लेकिन अगर पाकिस्तान तनाव बढ़ाने का फैसला करता है तो वह दृढ़ता से जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। एनएसए डोभाल ने चीन से दो टूक शब्दों में कहा है कि भारत पाकिस्तान से जंग नहीं चाहता, लेकिन अगर उसने कोई हिमाकत की तो करारा जबाब मिलेगा। गौरतलब है कि भारती की कार्रवाई के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा था कि हम मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के पड़ोसी हैं और हमेशा रहेंगे। वे दोनों चीन के पड़ोसी भी हैं। पहलगाम आतंकवादी हमले का स्पष्ट संदर्भ देते हुए उसने कहा कि चीन हर तरह के आतंकवाद का विरोध करता है। इसमें कहा गया, हम दोनों पक्षों से शांति व स्थिरता के व्यापक हित के लिए काम करने, शांति कायम रखने, संयम बरतने और ऐसी कार्रवाई करने से बचने का आग्रह करते हैं जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है।
आपसी संवेदनशीलता भारत-चीन संबंधों का बने हुए हैं आधार, NSA डोभाल और वांग यी में हुई थी बात



