आंध्र प्रदेश सरकार ने अपनी तरह की पहली पहल करते हुए ग्रामीण नागरिकों से सीधे जुड़ने और उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए सार्वजनिक थिएटरों का उपयोग एक मंच के रूप में करना शुरू कर दिया है। राज्य के पंचायत राज और ग्रामीण विकास विभाग ने विकास प्रयासों में ग्रामीणों को शामिल करने और उनकी चिंताओं को सीधे सुनने के उद्देश्य से विशेष आउटरीच कार्यक्रम, माता-मंथी शुरू किया। कार्यक्रम के हिस्से के रूप में श्रीकाकुलम जिले के तेक्काली निर्वाचन क्षेत्र के रविवालासा गांव के निवासियों को आज तेक्काली में एक स्थानीय थिएटर में आमंत्रित किया गया था। कैंप ऑफिस से, आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए निवासियों से बातचीत की और उनके सुझावों और विकास संबंधी जरूरतों को सुना। जिन समस्याओं का तत्काल समाधान किया जा सकता था, उन्हें उपस्थित अधिकारियों के साथ समन्वय करके हल किया गया तथा मौके पर ही आवश्यक मंजूरी दी गई। जिन मुद्दों के लिए अधिक समय की आवश्यकता थी, उन्हें कार्यान्वयन के लिए निर्धारित समय-सीमा के साथ संबंधित विभागों को भेज दिया गया। कार्यक्रम के दौरान लोगों से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा कि मैं उस उत्साह और स्पष्टता से बहुत प्रभावित हुआ, जिसके साथ रविवालासा के लोग अपनी चिंताओं और उम्मीदों को व्यक्त करने के लिए आगे आए। उन्होंने सिर्फ़ बात नहीं की, उन्होंने अपने गांव के भविष्य की जिम्मेदारी ली, जो लोकतंत्र की सच्ची भावना को दर्शाता है। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने आगे कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह पहल सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है, यह ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 के विजन को साकार करने की दिशा में एक कदम है, जैसा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देखा है, जहां हर गांव की आवाज सुनी जाती है और उसका सम्मान किया जाता है। पवन कल्याण ने कृषि मंत्री और टेक्काली से विधान सभा सदस्य (एमएलए) के. अच्चेन्नायडू के साथ-साथ पंचायत राज, ग्रामीण विकास और ग्रामीण जलापूर्ति (आरडब्ल्यूएस) विभागों के अधिकारियों के प्रति भी आभार व्यक्त किया।
आंध्र प्रदेश में अनोखी पहल, ग्रामीणों की समस्याओं को सुनने के लिए किया जाएगा स्थानीय थिएटरों का उपयोग



