चेन्नई के मरीना बीच पर पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के स्मारक पर मंदिर के गोपुरम की प्रतिकृति रखे जाने के बाद तमिलनाडु में एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने सत्तारूढ़ द्रमुक पर इस तरह के इशारे से हिंदू भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया और इसे अहंकार की पराकाष्ठा बताया। इसने यह भी कहा कि यह कार्रवाई हिंदू आस्था पर हमला है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नारायणन तिरुपति ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से माफ़ी माँगी। द्रमुक के दिग्गज नेता एम. करुणानिधि ने 1969 से 2011 तक पाँच कार्यकालों में लगभग 20 वर्षों तक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का पद संभाला।
2018 में उनका निधन हो गया और उनके सम्मान में मरीना बीच पर एक स्मारक बनाया गया। स्मारक पर मंदिर की प्रतिकृति रखे जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए तिरुपति ने कहा कि यह हिंदू मान्यताओं का अपमान है। उन्होंने स्मारक की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, जहां शव को दफनाया जाता है, वहां मंदिर का गोपुरम कैसे बनाया जा सकता है? यह हिंदुओं की आस्था और विश्वास पर हमला है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को तुरंत इसे हटाने का आदेश देना चाहिए। हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना भविष्य में डीएमके को महंगा पड़ेगा। हिंदू विरोधी डीएमके सरकार जल्द ही सत्ता से बाहर हो जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि यह अहंकार की पराकाष्ठा है। हिंदू धार्मिक विभाग ने कब्रिस्तान पर मंदिर का गोपुरम बना दिया है। क्या यह बकवास नहीं है? आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? क्या आपको शर्म नहीं आती? मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री को इसके लिए और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफी मांगनी चाहिए। भाजपा के आरोपों के जवाब में डीएमके प्रवक्ता टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि यह तमिलनाडु सरकार का प्रतीक है और हर साल ऐसा होता है।