उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में हाल ही में एक सर्राफा कारोबारी की दुकान में डकैती के आरोपी मंगेश यादव के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर अखिलेश यादव के आरोपों के जवाब में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने तंज करते हुए कहा कि अब पुलिस ऐसे मामलों में अपराधियों से आधार कार्ड मांगे और कहे की देखें कि तुम किस बिरादरी के हो तब गोली चलाएंगे. राजभर ने कहा कि पुलिस अपनी रक्षा के लिए फूल बरसाएगी या गोली चलाएगी. उन्होंने कहा कि जब कोई यादव मरता है तभी अखिलेश यादव की आवाज निकलती है. लेकिन जो 20 प्रतिशत मुसलमान उनको वोट देता है और वह मरता है तब यह अखिलेश चुप्पी साध लेते हैं. मुसलमान सिर्फ वोट बैंक उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी कहती है कि मुसलमान कटे या मरे वह हमारा वोट बैंक है, उससे कोई मतलब नहीं है. साथ ही राजभर ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में सरकार कोर्ट के फैसले के साथ है औऱ काम हो रहा है, उस संबंध में मुख्यमंत्री से भी बात हो चुकी है. जाति की राजनीति तेज ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि वोट की सुरक्षा को लेकर जाति की राजनीति तेज हो गई है. उन्होंने कहा कि संविधान और बुलडोजर न जाति पहचानता है न ही धर्म पहचानता है. अखिलेश यादव ने सरकार बनने पर कहा था कि अंबेडकर पार्क को शौचालय बना देंगे लेकिन नहीं बना पाए क्योंकि यह झूठ बोलने वाले लोग है. महाराष्ट्र में लड़ेंगे चुनाव वहीं योगी सरकार कानून के दायरे में काम करती है और बुलडोजर चलता रहेगा. वक्फ बोर्ड के कानून संशोधन में जिलाधिकारी को पावर दिया जाएगा. वहीं जौनपुर में पत्रकार के साथ मंत्री के दुर्व्यवहार पर ओमप्रकाश राजभर ने अपनी तरफ से माफी मांगी. इस दौरान महाराष्ट्र में चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि वह बीजेपी में अपनी बात रखेंगे, लेकिन अगर बात नहीं मानी गई तो सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे अखिलेश यादव ने का आरोप दरअसल अखिलेश यादव ने गुरुवार को एक्स पर एक पोस्ट में लिखा था कि लगता है सुलतानपुर की डकैती में शामिल लोगों का सत्ता पक्ष से गहरा नाता था. इसीलिए तो नकली मुठभेड़ से पहले मुख्य आरोपी से संपर्क साधकर आत्मसमर्पण करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों में सिर्फ दिखावटी गोली मारी गई और जात देखकर जान ली गई. उन्होंने लिखा था कि जब मुख्य आरोपी ने आत्मसमर्पण कर दिया तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवजा अलग से देना चाहिए. नकली मुठभेड़ रक्षक को भक्षक बना देती हैं. समाधान नकली मुठभेड़ नहीं, असली कानून व्यवस्था है.