New Delhi: समुद्र में बिछी तारों से आपके फोन तक कैसे आता है इंटरनेट, कहां होता है इनका कनेक्शन, 90 फीसदी नेट का भार इन्हीं तारों पर

New Delhi: समुद्र में बिछी तारों से आपके फोन तक कैसे आता है इंटरनेट, कहां होता है इनका कनेक्शन, 90 फीसदी नेट का भार इन्हीं तारों पर

नई दिल्ली: इंटरनेट आज हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है. राशन खरीदने से लेकर बैंकिंग तक घर की रोजमर्रा की चीजें अब इंटरनेट पर ही निर्भर हो गई हैं. शहरों में रह रहे लोगों के लिए बगैर इंटरनेट के जीना नामुमकिन तो नहीं लेकिन उससे कम भी नहीं है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इंटरनेट काम कैसे करता है. हम जो भी सवाल इंटरनेट से पूछते हैं उसका जवाब हमें मिल जाता है, लेकिन कैसे?

इंटरनेट का सीधा सा मतलब समझें तो 2 या उससे अधिक कंप्यूटर्स के कनेक्शन को इंटरनेट कहा जाता है. इसकी शुरुआत अमेरिकी खुफिया विभाग ने 2 कंप्यूटर्स को आपस में कनेक्ट कर के ही की थी. इंटरनेट का इस्तेमाल सबसे पहले खुफिया जानकारियों को एक से दूसरे कंप्यूटर में सुरक्षित पहुंचाने के लिये किया जाता था

आज भी इंटरनेट का आधार यही है कि यह एक से दूसरे कंप्यूटर को जोड़ देता है. हालांकि, अब इसके बीच में एक और चीज आ गई है जिसे सर्वर कहा जाता है. इन सर्वर्स को मिलाकर डाटा सेंटर या डाटा रूम बनते हैं. आप जो भी जानकारी गूगल या किसी और सर्च इंजन से मांगेगे तो उसके डाटा रूम में मौजूद सर्वस से वह सूचना आप तक आ जाएगी

डाटा सेंटर में कई सर्वर होते हैं जिनमें इंटरनेट पर मौजूद सारी जानकारी स्टोर होती है. दुनियाभर के कंप्यूटर इन्हीं डाटा सेंटर्स से जुड़े होते हैं. कई कंपनियां डाटा सेंटर्स की सुविधा मुहैया कराती हैं. अमेजन भी डाटा सेंटर की सेवा देने वाली कंपनियों में शामिल है. दुनिया की सबसे बड़ी डाटा सेंटर कंपनी अमेरिका की KDDI है. जिसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है. अमेजन इस सूची में तीसरे स्थान पर है. गूगल के पास खुद के डाटा सेंटर्स हैं.

आप जब भी कोई सूचना इंटरनेट से मांगते हैं तो यह रिक्वेस्ट डाटा सेंटर्स के पास जाती है जिनके सर्वर पर सारी सूचना उपलब्ध होती है. उसके बाद वहां लगा एक विशेष कंप्यूटर जिसे राउटर कहते हैं यह तय करता है कि कैसे ये सूचना आपके इंटरनेट प्रोवाइडर तक पहुंचाई जाए. इसके बाद वायर्ड और वायरलैस नेटवर्क की श्रृंखला के माध्यम से जानकारी आपको इंटरनेटर प्रोवाइडर और फिर आपके कंप्यूटर तक आती है.

अब बात समुद्र में डाली जाने वाली ऑप्टिकल फाइबर केबल की. डाटा सेंटर्स में मौजूद सर्वर्स एक दूसरे से इन्हीं ऑप्टिकल फाइबर के द्वारा जुड़े होते हैं. यह बाल से पती तारें होती हैं और एक केबल में कई होती हैं. ऑप्टिकल फाइबर बहुत तेजी से डाटा लेकर ट्रैवल करती है. दुनियाभर में समुद्र में ऑप्टिकल फाइबर का जाल बिछा हुआ है जो इन डाटा सेंटर्स से जाकर जुड़ती हैं

इंटरनेट आप तक पहुंचने के लिए 3 कंपनियों की मदद लेता है. पहली कंपनी आपकी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है. दूसरी कंपनी जो समुद्र में ऑप्टिकल फाइबर बिछाती है जिनके जरिए जानकारी आपके कंप्यूटर तक आती है. भारत में टाटा कम्युनिकेशन यह काम करती है. तीसरी कंपनी डाटा सेंटर की सेवा देना वाली कंपनी है जहां से जानकारी इन ऑप्टिकल फाइबर के जरिए आप तक आती है


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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