UP: सपा विधायकों ने किया निर्दलीय प्रत्याशी का चुनाव प्रचार, मेरठ निकाय चुनाव में शाहिद मंजूर, रफीक अंसारी निर्दलीय को जिताने की कर रहे थे अपील

UP: सपा विधायकों ने किया निर्दलीय प्रत्याशी का चुनाव प्रचार, मेरठ निकाय चुनाव में शाहिद मंजूर, रफीक अंसारी निर्दलीय को जिताने की कर रहे थे अपील

मेरठ में समाजवादी पार्टी के 2 दिग्गज नेता सपा छोड़ निर्दलीय प्रत्याशी के लिए वोट की अपील करते नजर आ रहे हैं। शहर विधायक रफीक अंसारी और किठौर विधायक शाहिद मंजूर ने निर्दलीय प्रत्याशी मुस्तफा के लिए लोगों से वोट मांगे। वार्ड 83 से पार्षद प्रत्याशी के रूप में मुस्तफा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे। इसी वार्ड से सपा प्रत्याशी भी मैदान में था। दोनों नेताओं ने सपा छोड़ निर्दलीय का प्रचार किया। दोनों नेताओं का पार्टी के खिलाफ जाकर प्रचार करने का वीडियो सामने आया है।

सपा नेता शाहिद मंजूर और रफीक अंसारी दोनों ही वार्ड 83 में सभा कर रहे हैं। सभा में दोनों नेताओं ने निर्दलीय प्रत्याशी मुस्तफा जो खजूर चुनाव चिह्न से चुनाव मैदान में था उसके लिए जमकर वोट मांगी है। जबकि सपा कैंडिडेट का चुनाव प्रचार नहीं किया। वीडियो में दोनों नेता जनता से अपील करते दिख रहे हैं कि राजनीति में कभी गलत में चुनो। हमारे गलत फैसले पॉलिटिक्स को खराब कर देते हैं। इसलिए खजूर का बटन दबाओ। हज, उमरा में जाता है तो हर इंसान खजूर लाता है। अफ्तारी भी खजूर से होती है। इसलिए खजूर को जिताओ। रफीक अंसारी भी कह रहे हैं कि मुस्तफा मेरा भाई है। ये पार्षद बनेगा। जायज या नाजायाज, जो हमारा है, वो हमारा है अपने के साथ खड़े हैं। अपने के साथ जिएंगे, मरेंगे। कहा कि मैं मुस्तफा के लिए आया हूं।

अतुल प्रधान ने बदलवाए थे कैंडिडेट

दरअसल निकाय चुनाव के दौरान सपा ने अपने पार्षद प्रत्याशी घोषित कर दिए थे। बाद में 7 से 8 कैंडिडेट ऐसे थे जो अतुल प्रधान के कहने पर बदलवा दिए गए। मुस्तफा उसी लिस्ट में शामिल नाम था। विधायक रफीक अंसारी ने कहा कि मुस्तफा पहले सपा का कार्यकर्ता रहे हैं। सपा के थे, सपा के हैं और सपा के रहेंगे। विधायक ने ये भी दावा किया कि निगम में पार्षदों की शपथ ग्रहण के बाद कई निर्दलीय पार्षद सपा में आ जाएंगे। रिजल्ट वाले दिन निर्दलीय प्रत्याशी मुस्तफा जीत गया सामने सपा कैंडिडेट हार गया।

सपा प्रत्याशी के प्रचार में नहीं गए दोनों नेता

शाहिद मंजूर और रफीक अंसारी दोनों ही नेता सपा की मेयर प्रत्याशी सीमा प्रधान के चुनाव प्रचार में नहीं उतरे। इसकी वजह सीमा के पति सरधना विधायक अतुल प्रधान का गलत व्यवहार बताया जा रहा है। अतुल प्रधान ने चुनाव के दरम्यान इन नेताओं से कोई मेलजोल और रायशुमारी नहीं रखी। वहीं रफीक अपनी पत्नी के लिए मेयर टिकट चाह रहे थे। जो नहीं मिल सका। तीनों नेताओं में दूरियां इतनी बढ़ गई कि खुद अखिलेश यादव रफीक अंसारी को मनाने घर पहुंचे लेकिन वो नहीं माने और चुनाव प्रचार में नहीं गए।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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