New Delhi: कौन हैं सांसद अमरेश कुमार सिंह, जिन्‍होंने बोलने का मौका नहीं मिला तो संसद में उतार दिए कपड़े?

New Delhi: कौन हैं सांसद अमरेश कुमार सिंह, जिन्‍होंने बोलने का मौका नहीं मिला तो संसद में उतार दिए कपड़े?

नेपाल की संसद के इतिहास में पिछले सप्‍ताह पहली बार एक सांसद ने बहुत ही अजीब तरीके से विरोध जताया. दरअसल, नेपाल में निर्दलीय सांसद अमरेश कुमार सिंह को संसद में बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा था. इस पर वह गुस्‍सा गए और संसद भवन में कार्यवाही के दौरान कपड़े उतारने लगे. उन्‍होंने सदन में अपनी शर्ट और बनियान उतार दी. इस पर प्रतिनिधि सभा के अध्‍यक्ष देवराज घिमिरे ने सांसद अमरेश सिंह को सख्‍त चेतावनी दी. उन्‍होंने कहा कि अगली बैठक में अगर आपने विनम्र व्‍यवहार नहीं किया तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

इससे पहले सांसद अमरेश कुमार सिंह ने सदन में कहा कि मैं भ्रष्‍टाचार पर बोलना चाहता हूं. मैं भ्रष्‍टाचार के खिलाफ बोलने के लिए शहीद भी होने को तैयार हूं. इस पर प्रतिनिधि सभा के अध्‍यक्ष घिमिरे ने कहा कि आपको संसदीय मर्यादा का ध्‍यान रखना चाहिए. इस पर सांसद सिंह अपनी बात कहने के लिए समय दिए जाने की मांग पर अड़े रहे. वह घिमिरे की कोई बात या आग्रह सुनने को तैयार नहीं हुए. इसी गहमागहमी के बीच अचानक उन्‍होंने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. उनकी इस हरकत पर बाकी सांसदों ने सांसद अमरेश की मेडिकल जांच कराने की मांग की.

कौन हैं सांसद अमरेश कुमार सिंह?

निर्दलीय सांसद अमरेश कुमार सिंह पहले नेपाली कांग्रेस के नेता रहे हैं. जब नेपाली कांग्रेस ने उन्‍हें टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय उम्‍मीदवार के तौर पर खड़े हो गए और अपनी पूर्व पार्टी के प्रत्‍याशी को बड़े अंतर से शिकस्‍त दी. फिलहाल वह सरलाही के क्षेत्र संख्‍या 4 से निर्दलीय सांसद हैं. उन्‍होंने भारत की राजधानी दिल्‍ली के जवाहर लाल नेहरू विश्‍वविद्यालय से पीएचडी की है. वह प्रतिनिधि सभा में राज्‍य प्रबंधन व सुशासन समिति में सदस्‍य भी रह चुके हैं. अमरेश कुमार सिंह निर्दलीय प्रत्‍याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरने से पहले 2008 से 2022 तक यानी 14 साल नेपाली कांग्रेस के सक्रिय नेता रहे थे.

अमरेश कुमार का राजनीतिक सफर

प्रतिनिधि सभा भारत की लोकसभा की तरह नेपाल की फेडरल पार्लियामेंट का निचला सदन है. नेपाल में प्रतिनिधि सभा के लिए 2017 में पहली बार चुनाव हुए थे. तब अमरेश कुमार सिंह नेपाली कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे थे. इससे पहले वह सरलाही के क्षेत्र संख्‍या 6 से साल 2014 में दूसरी नेपाली संविधान सभा के लिए भी चुने गए थे. इसके बाद उनकी पार्टी ने जब टिकट नहीं दिया तो वह बगावत पर उतर आए और भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मोर्चा खोलकर 2022 में निर्दलीय प्रत्‍याशी के तौर पर सरलाही के क्षेत्र संख्‍या 4 से चुनाव मैदान में उतरे और जीत गए.

मधेस आंदोलन के कद्दावर नेता

निर्दलीय सांसद अमरेश कुमार सिंह को नेपाल में कद्दावर मधेसी नेता माना जाता है. वह अक्‍सर मधेस और उनके आंदोलनों से जुड़े रहते हैं. उन्‍हें मधेसी राजनीति में गांधीवादी महेंद्र नारायण निधि के बाद दूसरा सबसे बड़ा नेता कहा जाता है. मधेसी आंदोलन के दौरान उनका नाम कई बार चर्चा में आया था. उन्‍होंने मधेसी आंदोलन के दौरान नेपाल के संविधान की प्रतियां भी जलाई थीं. आंदोलन के दौरान उन पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने के आरोप भी लगे थे. इसके अलावा वह नेपाल में हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए भी पहचाने जाते हैं. उन्‍हें नेपाल के उन चुनिंदा नेताओं में गिना जाता है, जिन्‍होंने अपनी ही पार्टी के भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उनके परिवार में उनकी पत्‍नी कुमारी लक्ष्‍मी जोशी और दो बच्‍चे हैं.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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