अचानक रंधावा के सुर बदले: पायलट को लेकर कहा- सचिन की यात्रा की टाइमिंग गलत, लेकिन वो मेरा छोटा भाई है

अचानक रंधावा के सुर बदले: पायलट को लेकर कहा- सचिन की यात्रा की टाइमिंग गलत, लेकिन वो मेरा छोटा भाई है

पेपरलीक और करप्शन को लेकर सचिन पायलट की यात्रा का आज चौथा दिन है। इस बीच कर्नाटक में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद कांग्रेस हाईकमान अब राजस्थान पर फोकस कर रहा है।

प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के तेवरों में भी सचिन पायलट को लेकर नरमी देखी जा रही है। उन्होंने पायलट को छोटा भाई बताते हुए अपने पारिवारिक रिश्ते याद दिलाए हैं।

हालांकि, प्रदेश प्रभारी ने कहा कि सचिन की यात्रा निकालने की टाइमिंग गलत है और उन्हें थोड़ा इंतजार करना चाहिए था।

वहीं, 11 मई को अजमेर से शुरू हुई पायलट की यात्रा शहर की सीमा के नजदीक पहुंच रही है। आज सुबह नौ बजे जयपुर जिले के महला से शुरू हुई यात्रा का पहला फेज करीब 11 बजे दहमीकला में पूरा हुआ। दहमीकला में दिन के विश्राम के बाद यात्रा का दूसरा फेज शाम 4 बजे शुरू हुआ। देर शाम यात्रा महापुरा पहुंची, जहां रात्रि विश्राम करेगी। सोमवार को सुबह 11 बजे सभा होगी।

रंधावा बोले- गहलोत अनुभवी लीडर, उनके दिल-दिमाग में कांग्रेस

दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए राजस्थान कांग्रेस प्रभारी ने सचिन पायलट की यात्रा की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, रंधावा ने पायलट परिवार से अपने पुराने रिश्तों का जिक्र करते हुए अपने रुख में नरमी के संकेत भी दिए हैं।

उन्होंने कहा कि आप किसी से पूछ लेना मेरे फादर और सचिन के फादर बेस्ट फ्रेंड थे। हमारे पारिवारिक रिश्ते हैं। वो मेरा छोटा भाई है। मैंने पहले भी उससे फोन पर बात की है। उन्होंने कहा कि मैं सभी को लेकर चलने कोशिश कर रहा हूं।

रंधावा चुनावी फेस को लेकर कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में एक होकर चुनाव लड़ेंगे। एक फेस से ही चुनाव लड़ेंगे, डबल फेस नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि गहलोत बहुत पुराने लीडर हैं उनके दिलो-दिमाग में कांग्रेस है। एआईसीसी में सबसे ज्यादा उनका अनुभव है।

वहीं, सचिन की यात्रा उनकी निजी यात्रा है। हालांकि, उनकी टाइमिंग गलत है। जब कर्नाटक को वोटिंग थी तो उन्हें वेट करना चाहिए था। हम सभी को सबसे पहले कांग्रेस की बात करनी चाहिए।

मैं देखूंगा उन्हें किसने उकसाया

पायलट पर रंधावा ने कहा- वे थोड़े से एग्रेसिव हैं। उन्हें एंबिशियस होना चाहिए, लेकिन ओवरएंबिशियस नहीं होना चाहिए। पार्टी में उनके लिए बहुत टाइम पड़ा है। कांग्रेस बीजेपी की तरह नहीं है । हमारे जो नेता हैं उनको सोचने से ज्यादा देती है। मैं देखूंगा किसने उकसाया, मेरे प्रभारी बनने से पहले की बातों को नहीं उठाऊंगा।

गहलोत और पायलट के बीच जुबानी जंग और उकसाने वाले बयानों पर रंधावा ने कहा- मैं अभी वहां गया नहीं अभी वहां जाकर देखेंगे कि किसने उकसाने वाले बयान दिए। किसने उकसाया। अब जो मेरे आने से पहले की बातें हैं, उनको मैं नहीं उठाना चाहता।

पायलट की यात्रा के बाद सुलह फाॅर्मूला निकालने की तैयारी

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब कांग्रेस हाईकमान राजस्थान के मुद्दे पर फैसला करेगा। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक हाईकमान सचिन पायलट और अशोक गहलोत को चुनावी साल में एक मंच पर लाने का मैसेज देना चाहते हैं।

इसके लिए पहले दोनों नेताओं के बीच मौजूदा कोल्ड वॉर को मिटाना जरूरी है। मल्ल्किार्जुन खड़गे ने दोनों नेताओं के बीच सुलह करवाने को कहा है।

जल्द सुलह फाॅर्मूले पर काम शुरू होने के आसार हैं। पायलट के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के पीछे यह भी एक बड़ा कारण है।

पायलट बोले- यात्रा का मकसद किसी का विरोध करना नहीं

सचिन पायलट ने कहा- जनसंघर्ष यात्रा का मकसद किसी का विरोध करना नहीं है, इसका मकसद युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करना और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज को और अधिक बुलंद करना है।

बीजेपी राज में हमने गंभीर करप्शन के आरोप लगाए थे। हमें अब जनता के बीच जाकर काम बताने होंगे। जनता में विश्वास तभी रहता है जब हमने जो वादे किए उन पर कार्रवाई हो।

अगले सप्ताह खड़गे कर सकते हैं फैसला

सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सुलह के फार्मूले पर विचार किया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष अगले सप्ताह राजस्थान पर चर्चा कर सकते हैं।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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