अतीक ने खुद पर हमले की रची थी साजिश, फरार गुर्गा सद्दाम पर बढ़ी इनाम की राशि

अतीक ने खुद पर हमले की रची थी साजिश, फरार गुर्गा सद्दाम पर बढ़ी इनाम की राशि

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया डॉन अतीक अहमद ने खुद के ऊपर हमले की साजिश रची थी. इस साजिश के तहत अतीक के ऊपर साबरमती जेल से प्रयागराज लाते समय हमला किया जाना था. इस हमले की जिम्मेदारी अतीक ने अपने सबसे भरोसेमंद गुर्गे गुड्डू मुस्लिम को दी थी. योजना के मुताबिक अतीक को लेकर चल रही बख्तरबंद गाड़ी के आसपास बम मारना था. मंशा यह थी कि इस हमले के बाद पुलिस बचाव की मुद्रा में होगी और अतीक की सुरक्षा का घेरा कड़ा कर दिया जाएगा.

दरअसल अतीक अहमद को करीब छह महीने पहले से यह एहसास होने लगा था कि उसकी हत्या कराई जा सकती है. उसे खतरा पुलिस से कम, अपने राइवल गैंगस्टरों से ज्यादा था. इसलिए उसने कई बार कोर्ट में भी अपनी सुरक्षा बढ़ाने की गुहार की थी. चूंकि बार बार उसे विभिन्न मामलों में पेशी के लिए जेल से बाहर जाना होता था, ऐसे में उसने खुद ऐसी साजिश रची कि पुलिस सुरक्षा बढ़ाने को मजबूर हो जाए. पुलिस सूत्रों की माने तो अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम इसी मकसद से झांसी पहुंचे थे.

उस समय खुद गुड्डू मुस्लिम भी झांसी में ही था. लेकिन इन्हें हमला करने का मौका ही नहीं मिला. वहीं प्रयागराज पहुंचने पर अतीक की हत्या हो गई. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अतीक अहमद ने साबरमती जेल में बैठे बैठे इस ड्रामे की पटकथा लिखी थी. उसने गुड्डू मुस्लिम को योजना के तहत ही हमला करने का फरमान भी सुनाया था. उसे भरोसा था कि इस प्रकार का हमला होने पर ना तो कोई गैंगस्टर उसके पास आएगा और ना ही पुलिस ही उसके एनकाउंटर के बारे में सोच पाएगी.

अतीक के इस फरमान के बाद गुड्डू मुस्लिम ने पूर्वांचल के कुछ बदमाशों से संपर्क भी किया था. लेकिन आखिर में तय हुआ था कि इस वारदात के लिए दूसरे बदमाशों का साथ लेने के बजाय खुद इसे अंजाम दिया जाए. इस प्रकार योजना के मुताबिक गुड्डू मुस्लिम, असद और गुलाम ने झांसी में वारदात के लिए रैकी भी कर लिया था. इसी के साथ पुलिस को एक और इनपुट मिला है. इसमें कहा गया है कि अतीक और अशरफ पर हमले के लिए पूर्वांचल से कुछ बदमाशों को प्रयागराज बुलाया गया है.

ऐसे में पुलिस यह पड़ताल कर रही है कि कहीं वह बदमाश लवलेश, अरुण और सनी तो नहीं. इसी के साथ पुलिस यह भी पड़ताल कर रही है कि कहीं इन बदमाशों को अतीक गैंग ने ही तो नहीं बुलाया था. यह भी संभावना जताई जा रही है कि इस हमले का ड्रामा करने के बहाने अतीक गैंग के ही किसी बदमाश ने इनकी सुपारी तो नहीं दी. यह भी आशंका जताई जा रही है कि तीनों शूटरों को ड्रामा के तहत बुलाया गया हो, लेकिन ऐन वक्त पर इन्होंने डबल क्रास कर दिया हो. दरअसल इस शक के पीछे इन बदमाशों का वारदात के तत्काल बाद सरेंडर करना है.

अतीक के ससुराल में मिला काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा

बता दें कि अतीक अहमद एक बार पहले भी इस तरह का ड्रामा कर चुका है. साल 2002 में उसने कोर्ट में पेशी के दौरान खुद के ऊपर हमला कराया था. इसमें उसे मामूली चोटें भी आई थीं. पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि यह वारदात किसी और ने नहीं, बल्कि खुद अतीक ने ही अपने गुर्गों के जरिए कराया है. इसके बाद से ही पुलिस उसकी पेशी के दौरान अलर्ट रहने लगी थी.

तीनों हत्यारोपियों की कोर्ट में पेशी

14 दिन की न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने पर शनिवार को अतीक के तीनों हत्यारोपियों लवलेश तिवारी, अरुण और सनी को प्रयागराज की एसीजेएम कोर्ट में पेश किया गया. इन तीनों बदमाशों की पेशी सुरक्षा कारणों को देखते हुए प्रतापगढ़ की जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई. कोर्ट ने इस पेशी के दौरान जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए न्यायिक रिमांड 14 दिन के लिए बढ़ा दी है. अब उनकी 12 मई को दोबारा अदालत में पेशी होगी.

अशरफ के साले पर बढ़ाया इनाम

उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही माफिया डॉन अतीक अहमद और उसका भाई खालिद उर्फ अशरफ सुर्खियों में हैं. लेकिन इनके साथ ही बमबाज गुड्डू मुस्लिम और सद्दाम भी चर्चा में है. अशरफ का बरेली जेल में मददगार रहे इस बदमाश पर पहले 50 हजार रुपये का इनाम आईजी जोन द्वारा घोषित किया गया था. वहीं अब एडीजी जोन बरेली ने उसके खिलाफ इनाम की राशि बढ़ा कर एक लाख रुपये कर दिया है. बता दें कि बरेली जेल में रहते हुए अशरफ सद्दाम के जरिए ही सूचना अपने गुर्गों तक भेजता था. बल्कि सद्दाम की मदद से ही जेल के अंदर अशरफ की गुर्गों के साथ मीटिंग होती थी. इसके अलावा सद्दाम पर बरेली जेल प्रशासन से मिलकर वीआईपी सुविधा दिलाने का भी आरोप है.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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